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अपनी योजनाओं को सुदृढ़ कर शून्य तरल रिसाव संयंत्र की दिशा में आरएसपी

किसी भी एकीकृत स्टील प्लांट के लिए जल बहुत ही महत्वपूर्ण इनपुट सामग्री है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 10:34 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 06:54 AM (IST)
अपनी योजनाओं को सुदृढ़ कर शून्य तरल रिसाव संयंत्र की दिशा में आरएसपी
अपनी योजनाओं को सुदृढ़ कर शून्य तरल रिसाव संयंत्र की दिशा में आरएसपी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : किसी भी एकीकृत स्टील प्लांट के लिए जल बहुत ही महत्वपूर्ण इनपुट सामग्री है। इसको ध्यान में रखते हुए राउरकेला स्टील प्लांट इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण और पुनर्चक्रण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विभिन्न जल पुन: संचलन योजनाओं को अपनाकर, आरएसपी, सीआरईपी (पर्यावरण संरक्षण निगमित दायित्व) के फ्लैट प्रोडक्ट संयंत्र के लिए निर्धारित संसोधित लक्ष्य 4.8 मीटर क्यूब प्रति टन क्रूड स्टील के मुकाबले 2018-19 में विशिष्ट जल की खपत को 3.65 मीटर क्यूब प्रति टन क्रूड स्टील के स्तर तक कम करने में सक्षम रहा है।

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आरएसपी पहले से ही 'शून्य तरल रिसाव संयंत्र' बनने की योजना बना चुका है और इस दिशा में कई कदम उठाये जा चुके हैं। इस प्रक्रिया में हम अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले जल की पूरी मात्रा का पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को करेंगे। इससे हमें जल संरक्षण में काफी मदद मिलेगी। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनायी जा रही है। इस दिशा में, आने वाले नए हॉट स्ट्रिप मिल के लिए निवेश पानी की पूरी मात्रा लैगून से की जाएगी और इसके बाद शून्य रिसाव होगा। रांची के मेसर्स मेकॉन लिमिटेड, स्टील प्लांट में व्यवहारिक जल को पुन: उपयोग में लाने के लिए एक सलाहकार के रूप में कार्य कर रहा है। एक क्षेत्र अध्ययन भी किया गया है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी की रिकवरी यूनिट स्थापित करने और इस पानी को प्लांट में उपयोग करने की योजना भी बनाई गई है। जल संरक्षण के लिए नियमित रूप से कई पहल की जा रही है। इनमें जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर व्यापक जागरूकता पैदा करना, अपशिष्ट जल को रोकने के लिए नियमित निगरानी और रखरखाव, मेक-अप-वॉटर हेडर पर पानी के दबाव का अनुकूलन, पानी के पुन: संचलन दक्षता में सुधार, क्षतिग्रस्त पाइपों के प्रतिस्थापन आदि शामिल हैं। भूमिगत जल के संरक्षण के लिए संयंत्र के विभिन्न हिस्सों में वर्षा जल संचयन (वाटर हार्वेस्टिग) प्रणाली भी स्थापित की गई हैं।

साक्षात्कार : दीपक चट्टराज, सीईओ, राउरकेला इस्पात संयंत्र।


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