डेढ़ साल से जंग खा रहा आंबेडकर चौक पर प्याऊ
शहर में राहगिरों की प्यास बुझाने के लिए के लिए कई दानदातओं की ओर से लाखो रुपये खर्च कर स्थाई से लेकर अस्थाई प्याउ लगाया जाता है। लेकिन जिस संस्था को उक्त प्याउ की देखरेख करने की जिम्मेदारी दी जाती है उनकी लापरवाही के कारण लाखो रुपये के लागत से लगाए गए वाटर कूलर (प्याउ) पड़े- पड़े जंग खा रहे है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए के लिए कई दानदाताओं की ओर से लाखों रुपये खर्च कर स्थाई से लेकर अस्थाई प्याऊ लगाया जाता है। लेकिन जिस संस्था को उक्त प्याऊ की देखरेख करने की जिम्मेदारी दी जाती है उनकी लापरवाही के कारण लाखों रुपये के लागत से लगाए गए वाटर कूलर (प्याऊ) पड़ा पड़ा जंग खा रहे है। शहर के हृदयस्थल उदितनगर आंबेडकर चौक में लगे प्याऊ का यही हाल है।
यहां राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए दानदाता शंभू शंकर दीप ने अपने परिजन स्वर्गीय एमआर दीप एवं सरोजनी दीप की याद में पैसा खर्च कर एक आरओ वाटर कूलर लगवाया। उक्त वाटर कूलर का उद्घाटन पूर्व राउरकेला विकास प्रधिकरण के पूर्व चेयरमैन तथा विधायक शारदा प्रसाद नायक ने करने के साथ शंभू शंकर दीप के इस नेक काम के लिए काफी सराहना की थी। जबकि इसकी रख रखाव की जिम्मेदारी उदितनगर के बीआर आंबेडकर मेमोरियल कमेटी को सौंपी गयी। लेकिन लोगों के अनुसार पिछले डेढ़ साल से उक्त प्याऊ खराब पड़ा हुआ है। इस संबंध में स्थानीय आटो चालकों ने कई बार यहां लगे टोल फ्री नंबर में कंपनी को प्याऊ ठीक कराने की सूचना देने के बावजूद कंपनी के मरम्मत विभाग के कर्मचारी आकर देख कर चले जाने की बात कही।
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इस प्याऊ से रोजाना सैकड़ों लोगों को इसका फायदा मिलता था। खास कर गर्मी के दिनों में तो काफी राहत मिलती थी। लोगों को पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ा था। लेकिन डेढ़ साल से यह खराब पड़ा हुआ है। कंपनी के लोगों को फोन करे ठीक कराने की बात कहने के बावजूद कोई इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहा है।
-रवि मेहेर
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इस चौक पर प्याऊ लगाने के बाद काफी खुशी महसूस हुई कि किसी ने तो शहरवासियों के हित में एक नेक काम किया गया है। मुख्य चौक होने के कारण बड़ी संख्या रोजाना इस मार्ग से लोगों का आना- जाना होता है। लेकिन यह डेढ़ साल से खराब होने के बाद भी इसे ठीक न करना दुभार्ग्यपूर्ण है। यहां लगे कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कई बार फोन करने के बाद भी इसका सुफल नहीं मिला है।
- भोला शर्मा, ऑटो चालक