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हिंसक हुआ जनसुनवाई के खिलाफ प्रदर्शन, ग्रामीणों ने बंद करायी सभा; एक घायल

ओडिशा में हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने जनसुनवाई को बंद करवा दिया।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 12:27 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 12:27 PM (IST)
हिंसक हुआ जनसुनवाई के खिलाफ प्रदर्शन, ग्रामीणों ने बंद करायी सभा; एक घायल
हिंसक हुआ जनसुनवाई के खिलाफ प्रदर्शन, ग्रामीणों ने बंद करायी सभा; एक घायल

राउरकेला, जेएनएन। ओडिशा सीमेंट लि.(ओसीएल) के खदान संप्रसारण के लिए आहूत जनसुनवाई विरोध के बावजूद किए जाने पर हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने विधायक जार्ज तिर्की की अगुआई में सभास्थल घुस कर जनसुनवाई को बंद करवा दिया।

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25 प्लाटून पुलिस फोर्स व हजारों ओसीएल समर्थकों को वहां से पीछे हटना पड़ा। हालात को देखते हुए फिलहाल जनसुनवाई बंद हो गयी है। प्रदर्शनकारियों से प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल बातचीत कर रहे हैं। लेकिन वे किसी भी कीमत पर जनसुनवाई के लिए तैयार नहीं है।

गौरतलब है कि पिछली बार जनसुनवार्इ रद्द होने के बाद 3 अक्टूबर को जनसुनवाई का दिन तय किया गया था। इसकी पूरी तैयारी भी कर ली गयी थी। लेकिन 1 अक्टूबर को जार्ज तिर्की ने प्रेस वार्ता कर स्पष्ट कर दिया था कि वे जनसुनवाई नहीं होने देंगे। जनसुनवाई से एक दिन पहले यानी मंगलवार को ही हजारों की संख्या में आदिवासियों ने बीरमित्रपुर के विधायक जार्ज तिर्की की अगुआइ में डीआरटीआइ  गेट को जाम कर दिया। नियमों के खिलाफ जनसुनवाई आयोजित करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण आदिवासी  किसी भी कीमत में इसे नहीं होने देने की जिद पर अड़े थे।

वहीं पिछली जनसुनवाई रद्द होने के बाद आज की जनसुनवाई को हर हाल में पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ जुटा हुआ है। करीब 25 प्लाटून फोर्स के साथ जिले के शीर्ष पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर जमे हुए हैं। जिला प्रशासन व ग्रामीणों के बीच जनसुनवाई को लेकर हो रहा विवाद किसी भी वक्त विस्फोटक रूप ले सकता है। जिसके मद्देनजर पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। काफी विरोध को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह जनसुनवाइ राज्य राजमार्ग संख्या-10 पर ही जनसुनवाई शुरू कर दी गयी। लेकिन जार्ज की अगुआइ में ग्रामीणों ने हमला कर लोगों को खदेड़ दिया।

पहले ग्रामसभा फिर जनसुनवाई

जार्ज ने मौके पर स्पष्ट कर दिया कि खदान संप्रसारण के लिए पहले प्रभावित गांवों में ग्रामसभा आयोजित की जाए उसके बाद ही जनसुनवाई हो। ओसीएल प्रबंधन व प्रशासन द्वारा किए जा रहे दावे कि यह जमीन अधिग्रहण नहीं बल्कि खदान संप्रसारण है लिहाजा इसके लिए ग्रामसभा की जरूरत नहीं इसमें कोई दम नहीं है।


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