मिटकुंदरी में पिकनिक मनाने वालों पर पहरा
शहर के निकट सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट कोयल व देव नदी के संगम स्थल मिटकुंदरी में पिकनिक का स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। रविवार व सोमवार को पिकनिक मनाने के लिए पहुंचे लोगों को वहां से खदेड़ दिया है। आधा दर्जन महिला एसएचजी की सदस्य ग्रामीणों के साथ यहां पहरा दे रही हैं। खेतों में प्लास्टिक व कांच का कचरा फैलाने तथा शराब के नशे में हुड़दंग पर ग्रामीणों को आपत्ति है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर के निकट सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट कोयल व देव नदी के संगम स्थल मिटकुंदरी में पिकनिक का स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। रविवार व सोमवार को पिकनिक मनाने पहुंचे लोगों को ग्रामीणों ने वहां से खदेड़ दिया। आधा दर्जन महिला एसएचजी की सदस्य ग्रामीणों के साथ यहां पहरा दे रही हैं। ग्रामीणों को खेतों में प्लास्टिक व कांच का कचरा फैलाने तथा शराब के नशे में हुड़दंग मचाने पर आपत्ति है।
मिटकुंदरी में कोयल व देव नदी के तट पिकनिक मनाने वालों के लिए सबसे अच्छा जगह माना जाता है। पांच साल पहले ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रशासन की ओर से इस पर रोक लगा दी गयी थी। इसके बाद लोग फिर से यहां पिकनिक के लिए पहुंचने लगे। दो साल से यहां पिकनिक के सीजन में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे थे एवं पिकनिक मना रहे थे। आसपास के दुकानदारों की इससे अच्छी कमायी हो जाती थी। पिकनिक के दौरान कांच व प्लास्टिक के बोतल खेतों में फेंक दिया जाता था। प्लास्टिक व प्लेट आदि खेतों में छोड़ने से कचरा बढ़ता था तथा शराब के नशे में नाच गान, डीजे में आपत्तिजनक गीत बजने के कारण ग्रामीण माहौल बिगड़ने लगा था। खेती के समय किसानों को कांच के बोतल से चोट लगने की घटनाएं बढ़ने से ग्रामीण नाराज थे। ठंड आते ही रविवार से लोग पिकनिक के लिए यहां आने लगे तो उन्हें रोकने के लिए रानी एसएचजी, शांति एसएचजी, प्रिया एसएचजी समेत अन्य संगठनों से जुड़ी महिलाएं ग्रामीणों के साथ पहरा देने के लिए निकल पड़ीं। मिटकुंदरी गांव साइड में पिकनिक मनाने के लिए आने वालों को खदेड़ने लगी। इसे लेकर यहां अप्रियकर स्थिति का भी सामना करना पड़ा। बिसरा पुलिस को इसकी सूचना देकर ग्रामीणों ने इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।