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वट सावित्री की पूजा कर, सुहागिनों ने की अखंड सुहाग की कामना

इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने पूजा के लिए जरूरी फल व फूल समेत अन्य पूजन सामग्री लेकर अपने-अपने अंचलों के मंदिरों में जाकर पूजा की

By Edited By: Published: Tue, 15 May 2018 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 01:35 PM (IST)
वट सावित्री की पूजा कर, सुहागिनों ने की अखंड सुहाग की कामना
वट सावित्री की पूजा कर, सुहागिनों ने की अखंड सुहाग की कामना

राउरकेला, जेएनएन। सुंदरगढ़ जिले में मंगलवार को वट सावित्री पूजा श्रद्धा के साथ की गई। इस मौके पर सुहागिनों ने अपने पति की दीर्घायु की कामना की। शहर व आसपास के मंदिरों तथा वट वृक्ष पर पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ पूजा करने के बाद अपना व्रत तोड़ा। इस पूजा को लेकर राउरकेला समेत जिले भर के मंदिरों तथा वट वृक्ष के समक्ष पूजा करने के लिए सुहागिनों का तांता लगा रहा।

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इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने पूजा के लिए जरूरी फल व फूल समेत अन्य पूजन सामग्री लेकर अपने-अपने अंचलों के मंदिरों में जाकर पूजा की। जिसमें सेक्टर-16 धवलेश्वर मंदिर, सेक्टर-16 जोडा शिव मंदिर, सेक्टर-19 शारला मंदिर समेत पौरांचल से लेकर इस्पातांचल में सभी मंदिरों में वट सावित्री पूजा के लिये सुबह से ही सुहागिन महिलाओं का तांता लगना शुरू हो गया था। इसके समेत मालगोदाम काली मंदिर में पूजा के साथ सुहागिनों ने वहां स्थित व वृक्ष को क्षा सूत्र बांधकर अपने सुहाग की दीर्घायु होने की कामना की।

इसके अलावा सेक्टर-6 जी ब्लाक, सेक्टर-17, सेक्टर-18, सेक्टर-5 के अलावा अन्य स्थानों पर भी वट वृक्ष के समक्ष पूजा करने के लिएसुहागिन महिलाओं की भीड़ देखी गई। वहीं कई सुहागिन महिलाओं की ओर से भी घरों में पुजारी को आमंत्रित पूजा कराई गई। इस दौरान सावित्री व्रत कथा का पाठ भी हुआ। राउरकेला के अलावा लहुणीपाड़ा, सुंदरगढ़, कुतरा, लाठीकटा, बणई, बीरमित्रपुर आदि स्थानों पर भी बट सावित्री पूजा की धूम रही।

राजगांगपुर में भी रही वट सावित्री पूजा की धूम : शहर में वट सावित्री पूजा को लेकर मंदिरों में सुहागिनों की भीड़ लगी रही। बगीचापाड़ा, ओसीएल कॉलोनी ,बाबा तालाब स्थित कुम्हरपाड़ा,स्टेशन पड़ा,आइटी कॉलोनी में वट वृक्ष के समक्ष पूजा करने के लिए सुहागिनों का तांता लगा रहा। इस दौरान विभिन्न प्रकार के फल-फूल व अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर पूजा की गई। वहीं सुहाग की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधकर परिक्रमा की गई। इस दौरान सबसे ज्यादा सुहागिनों की भीड़ बाबा तालाब स्थित हनुमान मंदिर के पास स्थित वट वृक्ष के साथ भी रहीं। इस अवसर पर पुजारी जनार्दन पंडित द्वारा सावित्री व्रत से जुड़ी कथा भी सुनाई गई।


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