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गंभीर को लेने उप्र से राउरकेला पहुंचे परिजन

उत्तर- प्रदेश से भटक कर राउरकाले पहुंचे किशोर गंभीर चौहान के पिता प्रेम चौहान और उनके गांव के प्रधान कप्तान अली शुक्रवार रात 1 बजे राउरकेला पहुंचे। जिसके बाद दोनों ने गंभीर की देख रेख करने वाले फल व्यापारी चांदसी से संपर्क कर रघुनाथपाली थाना पहुंच कर पुलिस से मुलाकात कर गंभीर के संबंध में बात की। पुलिस ने भी इनकी सहायता करते हुए परिजनों को राउरकेला सरकारी अस्पताल ले जा कर ईलाजरत गंभीर से मिलवाया। इस दौरान बेटे को सही सलामत देख पिता के आंखो से आंसु रुक नही रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 11:41 PM (IST)
गंभीर को लेने उप्र से राउरकेला पहुंचे परिजन
गंभीर को लेने उप्र से राउरकेला पहुंचे परिजन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : उत्तर- प्रदेश से भटक कर राउरकेला पहुंचे किशोर गंभीर चौहान के पिता प्रेम चौहान और उनके गांव के प्रधान कप्तान अली शुक्रवार रात एक बजे राउरकेला पहुंचे। जिसके बाद दोनों ने गंभीर की देखरेख करने वाले फल व्यापारी चांदसी से संपर्क कर रघुनाथपाली थाना पहुंच कर पुलिस से मुलाकात कर गंभीर के संबंध में बात की। पुलिस ने भी इनकी सहायता करते हुए परिजनों को राउरकेला सरकारी अस्पताल ले जा कर इलाजरत गंभीर से मिलवाया। इस दौरान बेटे को सही सलामत देख पिता के आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। जबकि गांव के प्रधान कप्तान अली ने भी गंभीर को गले लगा कर सलामती के संबंध में बात की। शुक्रवार सुबह अस्पताल के चिकित्सक ने गंभीर को स्वस्थ्य होने की बता कहने के साथ उसे अस्पताल से छुट्टी दिया। इस दौरान परिजनों ने गंभीर की देखरेख करने वाले फल व्यापारी चांदसी राय और बच्चे के सलामती तथा उनको राउरकेला पर मार्गदर्शन करने के लिए दैनिक जागरण के प्रति आभार जताया। इस दौरान चांदसी ने सभी को ट्रेन में सुरक्षित बैठाया। जिसके पश्चात परिजनों ने संबलपुर- जम्मु तवी एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए।

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कॉलेज जाने के बाद मानसिक स्थिति हो गई खराब

गंभीर के पिता प्रेम चौहान ने बताया कि गंभीर पढ़ाई में अव्वल होने के साथ 2017 में मैट्रिक पास कर कॉलेज में दाखिला लिया था। एक साल कॉलेज जाने के बाद उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गयी । जिसके बाद वह कॉलेज जाना छोड दिया। 2 दिसंबर को गंभीर शौच के लिए खेत में जाने के लिए एक डब्बा में पानी लेकर निकला था। उसे फेंककर रेलवे ट्रैक पकड़ कर किसी तरह राउरकेला आ गया। परिजनों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनका बेटा सुरक्षित लोगों के हाथ लगा। जिसके कारण वे अपने बेटे तक पहुंच पाएं।


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