ओराम के बयान पर आदिवसियों में उबाल
तिर्की ने ओराम पर प्रहार करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान उनके मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है।
राउरकेला, जेएनएन। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम द्वारा पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े आदिवासियों को नक्सली करार देने के बयान को लेकर जिले के आदिवासियों में उबाल है। इसके प्रतिवाद में आदिवासी नेता व बीरमित्रपुर विधायक जार्ज तिर्की की अगुवाई में शुक्रवार की दोपहर आदिवासियों ने प्रदर्शन किया और केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम का पुतला फूंका।
इस मौके पर तिर्की ने ओराम पर प्रहार करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान उनके मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है। ओराम को शायद जिले में आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार, शोषण तथा संवैधानिक अधिकारों से वंचित होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जिससे वे आदिवासियों की हितों की रक्षा करने की बजाय कारपोरेट हाउस की कठपुतली बनकर आदिवासियों को नक्सली की संज्ञा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओराम केंद्र में मंत्री है, उनका यह बयान केंद्रीय सरकार के बयान के समान है।
विधायक ने राज्य में पेसा कानून तथा जंगल अधिकार कानून अब तक लागू न होने को लेकर भी केंद्रीय मंत्री से जवाब तलब करते हुए कहा कहा कि आदिवासियों को आजादी के 70 वर्ष बाद भी हक व अधिकार से वंचित रखा गया है। वर्तमान वे अपने हक के प्रति जागरूक होने लगे हैं तो जुएल ओराम को यह रास नहीं आ रहा है। उन्होंने मांग की कि आदिवासियों को नक्सली बताने के मामले की जांच कराकर सच्चाई सामने लाई जाए। यदि नक्सली क्रियाकलाप तथा उनका साथ देने को लेकर किसी भी तरह का सबूत मिलते हैं तो वे लोग किसी भी प्रकार की सजा के लिए तैयार हैं।
इसके बाद जुएल ओराम का पुतला फूंककर नाराजगी जताई गई। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक हालु मुंडारी, लेथा तिर्की, अनिल ¨मज, सिप्रियान ¨कडो, अलबर्ट ¨कडो, हारेन बागे, तेज कुमारी ¨मज, देवा ओराम, चंपा ओराम, गोपीनाथ रणा, दिलीप लेहरी, मंगल ओराम, बांदे ओराम, चक्रधर महतो, बंधना बेक, चुका ओराम, सावित्री भूमिज, कमला किसान, सुनीता ¨सह, जबलून एक्का, बुधनाथ खालको उपस्थित थे।