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लगा दी गई पाबंदी तो ढूंढ निकाला विकल्प

महानगर निगम की ओर से बिरजापाली बस्ती को खुले में शौच मुक्त घ्

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 05:13 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 05:13 PM (IST)
लगा दी गई पाबंदी तो ढूंढ निकाला विकल्प
लगा दी गई पाबंदी तो ढूंढ निकाला विकल्प

जागरण संवाददाता, राउरकेला : महानगर निगम की ओर से बिरजापाली बस्ती को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। लोगों को बाहर शौच नहीं करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। इन सबके बीच सरकार की ओर से अब तक शौचालय निर्माण के लिए पूरा पैसा नहीं मिला है। जिससे कई घरों में शौचालय अधूरे पड़े हैं। कुछ लोग दूसरों के शौचालय में काम चला रहे हैं तो कुछ को अंधेरे में रेल पटरी या खुले मैदान में शौच करने जाते हैं।

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एक हजार से अधिक परिवार वाली बिरजापाली बस्ती में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए आवेदन करने वालों को कार्यादेश तो मिला है पर पूरा पैसा नहीं मिला। जिससे शौचालय का काम पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि यहां दो सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है, जहां प्रति व्यक्ति पांच रुपये देना पड़ता है। पैसा होने पर लोग शौचालय जाते हैं अन्यथा रात में छिपकर रेलवे लाइन के किनारे एवं खुले मैदान में शौच करने जाते हैं। रेलवे लाइन में आरपीएफ द्वारा पकड़े जाने का भी डर बना रहता है। कुछ लोग पड़ोसी के शौचालय से भी काम चला लेते हैं। शौचालय की जरूरत बढ़ने एवं पैसों की कमी के कारण पांच सात परिवार के लोग मिलकर एक शौचालय का निर्माण कराया हैं जिससे उनका काम चल रहा है।

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शौचालय निर्माण के लिए आवेदन करने पर पहले किश्त दो हजार रुपये मिले हैं। छह महीने पहले निर्माण का काम शुरू किया। इसके बाद अगले किश्त का इंतजार करते रहे हैं। खुले में शौच से पकड़े जाने का डर रहता है जिस कारण किसी तरह उसे पूरा कराया।

- रीना बेग।

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नगर निगम से शौचालय निर्माण के लिए पांच हजार रुपये मिले हैं पर इतने में तो टंकी भी नहीं बन पाता है। दूसरे किश्त के पैसे का इंतजार कर रहे हैं पर अब तक नहीं मिला है। बाहर शौच के लिए जाने से रोका गया तब इसे अपने पैसे से किसी तरह काम चलाऊ बनाना पड़ा।

- अंथोनी तिग्गा।

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शौचालय निर्माण के लिए आवेदन दिया था। इसके लिए वर्क आर्डर मिला पर रुपये नहीं मिले। अपना पैसा नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं किया जा सका है। बाहर शौच के लिए मना करने के कारण रिश्तेदार के शौचालय से काम चलाना पड़ रहा है।

- फ्रांसिस टोप्पो।

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स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय निर्माण के लिए आवेदन लेने के लिए कोई नहीं आया। घर में शौचालय न होने के कारण बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है। सुलभ शौचालय में पैसा लगता है जो गरीब लोगों के लिए संभव नहीं है।

- शांतियल तिग्गा।


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