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किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित को दस साल की सश्रम कैद

केबलांग थाना क्षेत्र में नक्सली का धमकी देकर अपहरण करने तथा दुष्कर्म के मामले में सुंदरगढ़ पोक्सो कोर्ट ने आरोपित 30 वर्षीय संजीव वार्ला को दस साल की सजा सुनाने के साथ ही दस हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:52 PM (IST)
किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित को दस साल की सश्रम कैद
किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित को दस साल की सश्रम कैद

जागरण संवाददाता, राउरकेला : केबलांग थाना क्षेत्र में नक्सली का धमकी देकर अपहरण करने तथा दुष्कर्म के मामले में सुंदरगढ़ पोक्सो कोर्ट ने आरोपित 30 वर्षीय संजीव वार्ला को दस साल की सजा सुनाने के साथ ही दस हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर सजा की अवधि एक साल और अधिक होगी। पीड़िता एवं 12 गवाहों के बयान व प्राप्त साक्ष्य के आधार पर अतिरिक्त जिला जज व पोक्सो कोर्ट के प्रिजाइडिग आफिसर पार्थ सारथी पटनायक ने यह सजा सुनाई है।

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राजगांगपुर थाना अंतर्गत कांसबहाल डीपाटोली का मूल निवासी 30 वर्षीय संजीव वार्ला केबलांग थाना क्षेत्र के सानबालीजोरी में रहता था। एक दिसंबर 2014 की रात को वह केबलांग थाना क्षेत्र के एक गांव में गया और अपने को नक्सली होने का परिचय दिया। उसने नक्सली कैंप में भोजन बनाने के लिए तीन लड़कियों की जरूरत होने की बात ग्रामीणों से कही। उसने धमकी देकर गांव की 16 साल की पीड़िता के साथ अन्य दो किशोरियों को भी जंगल में ले गया। उसने दो किशोरियों को रात के समय गांव के पास लाकर छोड़ दिया जबकि पीड़िता को जंगल में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। किसी तरह छूट कर वह घर लौटी और सारी बात परिवार वालों को बतायी। इस संबंध में थाने में मामला दर्ज होने के बाद आरोपित को पकड़ कर जेल भेजा गया। सुंदरगढ़ पोक्सो कोर्ट के प्रिजाइडिग आफिसर व अतिरिक्त जिला जज की अदालत ने गवाहों के बयान एवं प्राप्त साक्ष्य के आधार पर आरोपित को दोषी करार देते हुए दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं दस हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है। जुर्माना नहीं देने पर सजा की अवधि एक साल अतिरिक्त होगी। अदालत ने सरकार की ओर से पीड़िता को तीन लाख रुपये देने का निर्देश भी दिया है। इस मामले में सरकारी वकील अब्दुल समीम अख्तर ने पीड़िता की ओर से अदालत में पक्ष रखे।


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