विशिष्ट ऊर्जा खपत को और कम करने की जरूरत : सीईओ
सेल राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने पूरे राष्ट्र के साथ मिलकर शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने पूरे राष्ट्र के साथ मिलकर शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक चट्टराज ने शिल्प कोणार्क परिसर में पर्यावरण ध्वज फहराया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (अस्पताल प्रशासन) राज वीर सिंह, कार्यपालक निदेशक (संकार्य) पंकज कुमार, कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशन) एसआर सूर्यवंशी, कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एके प्रधान, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) पीके सत्पथी प्रमुख की मौजूदगी में सभी लोगों को ओड़िया, हिदी और अंग्रेजी में पर्यावरण संकल्प ग्रहण कराया गया। इस उपलक्ष्य में कर्मचारियों ने पर्यावरण बैज भी पहना।
इस मौके पर सीईओ ने सतत पर्यावरण की दिशा में आरएसपी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नियोजित और निष्पादित गतिविधि को केवल पर्यावरण मानदंडों का पालन करने के उद्देश्य से नहीं बल्कि बेहतर वातावरण बनाने में योगदान करने के उद्देश्य से होना चाहिए। उन्होंने विशिष्ट ऊर्जा खपत को और कम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। सीईओ ने कहा कि नवीनतम तकनीकों को अपनाने और स्थापित करने से निश्चित रूप से वायु, जल और भूमि प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन शून्य निस्सरण हमारा लक्ष्य होना चाहिए और उसे सुनिश्चित करने का प्रयास जारी रहना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि नवीनतम पर्यावरण अनुकूल इस्पात निर्माण प्रौद्योगिकियों को अपनाने के अलावा, आरएसपी ने अपने उत्पादन के स्रोत पर प्रदूषकों के उपचार के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। वायु प्रदूषकों को कम करने या अलग करने के लिए विभिन्न यूनिटों में इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रीसिपिटेटर, बैग हाउस, मल्टी साइक्लोन, ड्राई फॉग डस्ट सप्रेशन सिस्टम, डस्ट सप्रेस सिस्टम और वेट स्क्रबर लगाए गए हैं।
इसके अलावा, आरएसपी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न हरित परियोजनाएं भी शुरू की हैं, जैसे एक मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, इस्पात जनरल अस्पताल में 40 केएलडी सौर जल तापन प्रणाली की स्थापना, टाउनशिप और इस्पात संयंत्र के अंदर पारंपरिक प्रकाश व्यवस्था के स्थान पर एलईडी प्रकाश व्यवस्था और नगरपालिका ठोस कचरे के माध्यम से रद्दी प्लास्टिक को एकत्र कर सड़क निर्माण में उनका लाभकारी उपयोग।