लागत में कमी की संस्कृति को मजबूत करें : सीईओ
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के सीईओ दीपक चट्टराज ने मिशन 3500 - कॉस्ट रिडक्शन वर्कशॉप पहल की शुरुआत करते हुए प्कर्मिसमूह से कहा कि मनोभाव के मूल्य का आंकलन करें और लागत में कमी की संस्कृति को मजबूत करें।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के सीईओ दीपक चट्टराज ने कंपनी के कर्मचारियों से लागत में कमी की संस्कृति को और मजबूत करने का आह्वान किया है। मिशन 3500 कॉस्ट रिडक्शन वर्कशॉप पहल की शुरुआत करते हुए सीईओ ने कहा कि मनोभाव के मूल्य का आंकलन करें और लागत में कमी की संस्कृति को मजबूत करें। गोपबंधु आडिटोरियम में वित्त वर्ष की पहली छमाही में ऑपरेशन के विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियों सहित कमियों पर विस्तृत जानकारी साझा करते हुए सीईओ ने कहा कि एक कुशल लेखा प्रणाली लागू करना जरूरी है। ताकि लागत निहितार्थ हो पाए। मानव संसाधन के सर्वोच्च उपयोग, पैदावार में सुधार, बिजली के घरेलू उत्पादन बढ़ाने, परियोजनाओं को ससमय पूरा करने, प्रक्रिया मापदंडों की बेंचमार्किंग सहित अन्य मुद्दों पर भी सीईओ ने जोर दिया। समय के महत्व को रेखांकित करते हुए सीईओ ने कहा कि यह कीमती है और लिहाजा अच्छे परिणाम के लिए विवेकपूर्ण तरीके इस्तेमाल किए जाएं। कार्यक्रम में ईडी राजवीर सिंह, गौतम बनर्जी, महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष सहित प्लांट के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि मिशन 3500 की पहल का उद्देश्य उत्पादन की लागत को 3500 रुपये प्रति टन सेलेबल स्टील कम करना है। सेल के निगमित कार्यालय और एमटीआइ, रांची की एक पहल के तहत आरएसपी में इस श्रृंखला का पहला कार्यक्रम आयोजित किया गया। सेल के अन्य एकीकृत संयंत्रों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। प्रारंभ में मुख्य महाप्रबंधक प्रवीण निगम ने सभी का स्वागत किया। महाप्रबंधक एमटीआई रांची एसके मल्लिक ने कार्यशाला के मकसद और रूपरेखा बतायी। मुख्य महाप्रबंधक (वित्त) निगमित कार्यालय नई दिल्ली डॉ. अशोक पंडा ने कंपनी के वित्तीय परिदृश्य पर एक प्रस्तुतीकरण किया। उप प्रबंधक (वित्त एवं लेखा) हरीश अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। पहल के तहत विभिन्न इकाइयों के अधिकारियों को टीमों में बांटा गया है। टीमें तकनीकी लेवल पर ध्यान केंद्रित कर रणनीति तैयार करेंगी ताकि तकनीकी आर्थिक पैरामीटर में सुधार हो। अंतत: लागत में कमी के समग्र लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।