जीएसटी ठगी में फंसा आरएसपी का ठेका कर्मचारी
जीएसटी ठगी के मामले में राउरकेला इस्पात संयंत्र का एक ठेका मजदूर जामिनीकांत नायक फंस गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : जीएसटी ठगी के मामले में राउरकेला इस्पात संयंत्र का एक ठेका मजदूर जामिनीकांत नायक फंस गया है। बगैर जानकारी के उनके नाम से व्यापारिक फर्म खोलने के साथ राउरकेला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में चालू खाता खोलकर 2 साल के भीतर करीब 28 करोड़ रुपये का कारोबार करने का मामला आया है। राउरकेला सिटी एंड जीएसटी एनफोर्समेंट यूनिट की ओर से इस संबंध में जामिनीकांत को समन भेजा गया है। उसके नाम पर किसने कंपनी खोली, बैंक में किस तरह से खाता खोला व 28 करोड़ के कारोबार में कौन लोग संलिप्त है, इसे लेकर जांच की मांग उठने लगी है।
गंजाम जिले के आशिका थाना अंतर्गत गंथापाडा के मूल निवासी जामिनीकांत नायक सेक्टर 2 में सपरिवार रहकर आरएसपी में ठेका मजदूर के तौर पर कार्य करता है। विगत चार सितंबर को राउरकेला सिटी एंड जीएसटी एनफोर्समेंट यूनिट की ओर से उन्हें समन भेजा गया था। इसमें नौ सितंबर को कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। समन में बताया गया था कि उन्होंने जाली बिल के जरिए आईटीसी हेरफेर की है। निर्धारित तारीख को जामिनीकांत नायक ने जीएसटी कार्यालय जाकर बताया कि उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। उसे बलि का बकरा बनाया गया।
मैसर्स जेके ट्रेडिग के नाम पर बनाई गई फर्म : सूचना के अनुसार मैसर्स जेके ट्रेडिग के नाम पर एक व्यापारिक संस्था खोली गई थी। जामिनीकांत को कंपनी का प्रोपराइटर व पदाधिकारी बनाया गया है। मयूरभंज जिले के रायरंगपुर बिजापाली अंतर्गत बालिशंकरा में स्थित विष्णु कांप्लेक्स के शॉप नंबर दो में जेके ट्रेडिग का कार्यालय होने की बात उल्लेख की गई थी। राउरकेला के कोऑपरेटिव बैंक डेली मार्केट शाखा में जेके ट्रेडिग के नाम पर पांच दिसंबर 2017 को चालू खाता खोला गया था। जामिनीकांत को प्रोपराइटर बनाकर दो साल यानी नवंबर 2019 तक इस खाते के जरिए 27 करोड़ 90 लाख रुपये का गैर कानूनी कारोबार किया गया था। जीएसटी छापामारी के बाद यह खाता जाली होने की बात सामने के बाद बैंक प्रबंधन ने खाते को सीज कर दिया था।
अकाउंट ओपनिग फार्म में हस्ताक्षर नही मिला : अकाउंट ओपनिग फार्म में जो हस्ताक्षर थे वह जामिनीकांत के हस्ताक्षर से नहीं मिलते थे। जामिनीकांत ने बताया कि सेक्टर-20 के गुरुचरण नायक ने आरएसपी का गेटपास बनाने के लिए उससे फोटो, आधार कार्ड, वोटर कार्ड व यूनियन बैंक के पासबुक की फोटो कॉपी दी थी। उसी का उपयोग एकाउंट खोलने में किए जाने का अनुमान किया जा रहा है। बैंक अकाउंट से सभी कारोबार चेक, एनएफटी व आरटीजीएस के जरिए किया गया है। यह साफ हो गया है कि इस जारी कारोबार में जीएसटी ठगों का हाथ है। अब तक जीएसटी ठगी में गिरफ्तार हुए नारायण खेतान, संजीव सिंह, कमल पसारी, मानस बराल, राजेश मिश्र, अमित बेरीवाल व सुभाष स्वाई का अर्बन बैंक में एकाउंट है।