मनरेगा श्रमिकों का 34.27 करोड़ रुपये बकाया
महात्मा गांधी राष्ट्रीय निश्चित रोजगार योजना में सुंदरगढ़ जिले में श्रमिकों को काम मिल रहा है पर उन्हें मजदूरी देने में तत्परता नहीं दिखायी जा रही है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : महात्मा गांधी राष्ट्रीय निश्चित रोजगार योजना में सुंदरगढ़ जिले में श्रमिकों को काम मिल रहा है पर उन्हें मजदूरी देने में तत्परता नहीं दिखायी जा रही है। इस वर्ष जिले के 17 ब्लॉक में 2 लाख 52 हजार 485 परिवार के 4 लाख 7 हजार 715 श्रमिकों ने काम के लिए आवेदन किया था। इसमें से 2 लाख 52 हजार 468 परिवार के 4 लाख 7 हजार 686 लोगों को काम का प्रस्ताव मिला। 1 लाख 99 हजार 296 परिवार के 2 लाख 88 हजार 319 श्रमिकों ने विभिन्न परियोजना में काम किया। एक करोड़ 11 लाख 31 हजार 114 श्रम दिवस का सृजन किया गया। 21 हजार 254 श्रमिकों को ही सौ दिन का काम मिला है। श्रमिकों को उनके काम के एवज में मजदूरी नहीं मिल रही है। उनका 34 करोड़ 27 लाख 7 हजार ,000 रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है।
कोरोना काल में अधिक से अधिक लोगों को गांवों में काम देने का लक्ष्य लेकर योजनाएं शुरू की गई थीं। ग्रामीण सड़क, तालाब खनन, मैदानों का समतलीकरण समेत अन्य मिट्टी का काम मनरेगा श्रमिकों के जरिए कराया गया है पर उन्हें मजदूरी नहीं मिल पा रही है। जिले के 17 ब्लॉक में से बालीशंकरा ब्लॉक में 4.193 करोड़ रुपये, बड़गांव में 2.559 करोड़ रुपये, बिसरा में 24.49 लाख, बणई में 1.698 करोड़, गुरुंडिया में 1.21 करोड़, हेमगिर में 2.44 करोड़, कोइड़ा में 36.19 लाख, कुआरमुंडा में 75 .93 लाख, कुतरा में 2.778 लाख रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। इसी तरह से लहुणीपाड़ा ब्लॉक में 1.552 करोड़, लाठीकटा में 1.091 करोड़, लेफ्रीपाड़ा में 2.05 करोड़, नुआगांव में 1.492 करोड़, राजगांगपुर में 3.475 करोड़, सबडेगा में 3.293 करोड़, सुंदरगढ़ में 2.275 करोड़, टांगरपाली में 2.862 करोड़ रुपये मजदूरी बकाया है। मनरेगा श्रमिकों की बकाया राशि बैंक खाते में नहीं आने के कारण मजदूर बार बार बैंक का चक्कर काट रहे हैं एवं उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।