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लक्ष्य से दूर राउरकेला सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क

केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में टेक्नोलॉजी के विकास के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआइ) की स्थापना की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:05 AM (IST)
लक्ष्य से दूर राउरकेला सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क

जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में टेक्नोलॉजी के विकास के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआइ) की स्थापना की गई थी। राउरकेला के सेक्टर-5 में आरएसपी की जमीन पर वर्ष 2003 में इसकी स्थापना की गई पर जिस लक्ष्य को लेकर यह बना था वह पूरा नहीं हो पाया है। सरकार की ओर से इसके लिए जमीन मुहैया नहीं कराए जाने के कारण भी विकास नहीं हो सका है।

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राउरकेला के सेक्टर-05 स्थित आरएसपी शिल्पांचल संग्रहालय के पास 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में बने एसटीपीआइ में 10 सॉफ्टवेयर व सूचना तकनीक से संबंधित संस्थाओं ने कार्य शुरू किया था। इसके जरिए उन्नत इंटरनेट उपलब्ध कराना तथा अन्य सुविधा दी जा रही है पर संस्था की अपनी जमीन नहीं होने के कारण विकास बाधित हुआ है। राज्य सरकार की ओर से यह जमीन एसटीपीआइ को आरएसपी की 3.8 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने की दिशा में भी काम नहीं हुआ। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान समेत विभिन्न संस्थानों से पढ़ाई कर राउरकेला आने वाले युवाओं को स्टार्ट अप के जरिए नए एप, सॉफ्टवेयर व तकनीकी विकसित करने की सुविधा नहीं मिल रही है। वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, अपलीकेशन पैकेज आदि के लिए भी आवश्यक प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। कोरोना एवं लॉकडाउन से भी इसका काम प्रभावित हुआ है। राउरकेला में एनआइटी, बीपीयूटी के अलावा अन्य निजी तकनीकी संस्थान हैं जहां आइटी व अन्य सॉफ्टवेयर विकसित करने के अवसर हैं। एनआइटी, बीपीयूटी, राउरकेला महानगर निगम आदि संस्था के द्वारा एसटीपीआइ के जरिए स्टार्टअप के लिए अवसर मिल सकता था। एसटीपीआइ में सिगल विडो सिस्टम को भी प्रोत्साहन की जरूरत है। एसटीपीआइ के विकास होने से यहां रोजगार के अवसर भी युवाओं को मिलने की बात राउरकेला एसटीपीआइ के प्रमुख अशोक यादव ने कही है। निजी जमीन नहीं होने के कारण भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। यहां 16 करोड़ रुपये लागत पर भवन बनाने तथा बीपीयूटी के साथ मिलकर काम करने की योजना है। आरएसपी के साथ भी आइटी के विकास व सहयोग के लिए अनुबंध हुआ है।


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