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NEET 2020 Topper: जानें, राउरकेला के शोएब आफताब कैसे बने नीट टॉपर

NEET 2020 Topper नीट की परीक्षा में इंडिया टॉपर बने ओडिशा में राउरकेला के शोएब आफताब बताते हैं कि अगर दृढ़ निश्चय व लक्ष्य लेकर काम किया जाए तो अवश्य मंजिल मिलती है। सफलता के लिए हर दिन 10 घंटे से अधिक समय तक पढ़ाई करते थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 09:43 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 09:43 PM (IST)
NEET 2020 Topper: जानें, राउरकेला के शोएब आफताब कैसे बने नीट टॉपर
ओडिशा में राउरकेला के शोएब आफताब नीट की परीक्षा में इंडिया टॉपर बने।

जागरण संवाददाता, राउरकेला। NEET 2020 Topper: नीट की परीक्षा में 720 में पूरे 720 अंक लाकर ओडिशा में राउरकेला के शोएब आफताब ने इंडिया टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया है। राउरकेला के आजाद मोहल्ला निवासी शेख मो. अब्बास के बेटे शोएब की इस सफलता पर उल्लास का माहौल है। परिवार के साथ लोगों ने खुशियां मनाई एवं मिठाइयां बांटी। पेशे में व्यवसायी व ठेकेदार मो. अब्बास के बेटे शोएब ने मैट्रिक की परीक्षा डिसोजा स्कूल से पास की और इसके बाद कोटा चले गए। यहां सर्वोदय इंटर कालेज में पढ़ाई करने के साथ-साथ नीट की तैयारी की। दो साल तक वहां पढ़ाई करने के साथ ही पहले प्रयास में ही यह सफलता प्राप्त कर ली। कोटा में रहकर नीट की तैयारी करने के दौरान ही कोराना महामारी आ गई।

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शहर के अन्य छात्र घर लौट आये पर शोएब ने वहीं रहकर तैयारी जारी रखने का निश्चय किया। बेटे के इनकार करने पर परिवार वालों ने भी उस पर दबाव नहीं डाला। शोएब ने तय कर लिया था कि सफलता प्राप्त करने के बाद ही घर लौटूंगा और उनका अटल निश्चय काम आया। पढ़ाई के दौरान बेटे को घर का माहौल मिले। इसके लिए दो साल तक मां सुल्ताना रजिया उसके साथ ही कोटा में रही। इसके बाद पूरा परिवार कोटा चला गया। तब तक पिता अब्बास अकेले राउरकेला में रहे। उन्होंने भी बेटे के लिए त्याग किया एवं आज उन्हें बेहद खुशी मिली है। शोएब न केवल पढ़ाई बल्कि क्विज में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।

कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज पर राजस्थान में होने वाले कौन बनेगा हेल्थ चैंपियनशिप में वे 2019 में चैंपियन रहे। जूनियर साइंटिस्ट परीक्षा में शोएब को 35वां रैंक मिला था। शोएब बताते हैं कि अगर दृढ़ निश्चय व लक्ष्य लेकर काम किया जाए तो अवश्य मंजिल मिलती है। सफलता के लिए हर दिन 10 घंटे से अधिक समय तक पढ़ाई करते थे। शोएब की इस सफलता पर सामाजिक कार्यकर्ता अफरोज अहमद, शिक्षक मो. शकील के अलावा अन्य लोगों ने उनके घर जाकर बधाइयां दी एवं मिठाइयां बांटी। 


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