भुवनेश्वर में मां का इलाज करा रहे पिता, बेटियां चुका रहीं कर्ज
छह साल से मां भुवनेश्वर के अस्पताल में भर्ती है। पिता कर्जदार हो गए हैं। वह मां के साथ इलाज के सिलसिले में भुवनेश्वर के अस्पताल में व्यस्त हैं।
संसू, बंडामुंडा (सुंदरगढ़) : छह साल से मां भुवनेश्वर के अस्पताल में भर्ती है। पिता कर्जदार हो गए हैं। वह मां के साथ इलाज के सिलसिले में भुवनेश्वर के अस्पताल में व्यस्त हैं। इधर, तीन बेटियां एक पहाड़ी पर प्लास्टिक का छोटा सा घर बना किसी तरह जीवन यापन कर रही हैं। कोई इनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है।
यह कहानी है सुंदरगढ़ जिले के बंडामुंडा की। राउरकेला के पास यह इलाका पड़ता है। शीतलनगर में तीनों बहनें रहती है। बड़ी बहनों की हिम्मत का दाद दीजिए, वह एक दुकान में काम कर छोटी बहन को पढ़ा भी रही हैं। इसे ही उसने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। इनका घर जंगल और पहाड़ियों से घिरा है। बारिश होने पर प्लास्टिक के घर से पानी टपकने लगता है। पिछले दिनों एक बहन को दो बार सांप ने डंस लिया था। संयोगवश समय पर अस्पताल पहुंचने के कारण मुश्किल से उसकी जान बचाई जा सकी। पिता कालिया प्रधान की तीनों बेटियों का नाम सुजान, सुभाषिनी और सुजाता है। मां सुषमा प्रधान को छह साल पहले दिल का दौरा पड़ा था। पिता कालिया इलाज के लिए भुवनेश्वर चले गए। पैसे नहीं थे तो कुछ लोगों से उधार लिया था। तब से भुवनेश्वर में काम कर पत्नी का इलाज करा रहे हैं। इधर, दो बहनें पिता का कर्ज चुकाने के लिए एक दुकान में काम कर रही हैं।