वरिष्ठ कर्मयोगी राजकिशोर माणिक नहीं रहे
शहर के सबसे पुराने अखबार विक्रेता कर्मयोगी राजकिशोर माण्ि
जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर के सबसे पुराने अखबार विक्रेता कर्मयोगी राजकिशोर माणिक का 76 साल की उम्र में बुधवार की सुबह हृदयगति रुकने से निधन हो गया। उनके निधन से अखबार विक्रेताओं में शोक है। वेदव्यास संगम पर शाम को उनकी अंत्येष्टि की गई। वे अपने पीछे दो बेटे व तीन बेटियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
कर्मजीवी राजकिशोर मानिक किशोर अवस्था से ही अखबार बांटने का काम करते थे। उन्हें राउरकेला इस्पात संयंत्र में नौकरी मिली थी तब उन्हें महीने में केवल 40 रुपये मिलते थे, जबकि वे अखबार बेचकर एक दिन में पांच रुपये से अधिक कमा लेते थे। बाद में प्लांट की नौकरी छोड़ कर इसी में रम गये। वे 50 साल से अधिक समय तक इसी पेशा से जुड़े रहे। उन्होंने राउरकेला में अखबार विक्रेताओं को एकजुट करने तथा एसोसिएशन के गठन में अहम भूमिका निभाई थी।
तबीयत खराब होने के कारण उन्हें तीन दिन पहले जगदा स्थित सीडब्ल्यूएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनके निधन के पार्थिव शरीर सेक्टर-1 के डी ब्लाक स्थित निवास लाया गया और अंतिम यात्रा निकाली गई। वेदव्यास त्रिवेणी संगम पर ज्येष्ठ पुत्र हरेकृष्ण माणिक ने मुखाग्नि दी। राजकिशोर माणिक के निधन की सूचना मिलने पर महासचिव विमान माइती के साथ सुरेंद्र दास, राजकिशोर प्रधान, मिहिर पात्र, सुकेंदु पात्र, अशोक विश्वाल, अनिरुद्ध जेना, किशोर राउत, मनोज पटनायक, आर्तत्राण बेहरा, पूर्णचंद्र बेहरा, आनंद कोले, समीर मंडल, अशेष विश्वाल, अशोक साहू, शरत पंडा समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी।