मदद नहीं मिलने से घर छोड़ रहे बस्तीवासी
विस्फोट में घर गंवाने के बाद किसी तरह की खास मदद नहीं मिलन
जागरण संवाददाता, राउरकेला: विस्फोट में घर गंवाने के बाद किसी तरह की खास मदद नहीं मिलने के कारण अब कुछ बस्तीवासियों ने घर छोड़ना शुरू कर दिया है। खास कर किराये पर रहने वाले लोग यहां से हटकर किसी दूसरी जगह घर तलाश रहे हैं। मदद के नाम पर प्लास्टिक के तिरपाल बांटे जाने से भी लोगों में नाराजगी है और उनका कहना है कि बारिश फिर से शुरू हो रही है ऐसे में यह तिरपाल उनके कितने काम आएगा। विस्फोट के बाद जहां-जहां मलबा पड़ा है उसे भी प्रशासन ने नहीं हटाया है। मलबे को हटाने के लिए महिलाओं व बच्चों को पसीना बहाना पड़ रहा है। कुल मिलाकर हादसे के बाद यहां के लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि बगैर किसी कसूर के उन्हें दूसरे के गलती की सजा भुगतनी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि मलबा हटाने में अभी चार-पांच दिन का और वक्त लग जाएगा। घरों में मरम्मत का काम कराना भी इतना आसान नहीं है क्योंकि दीवारें जगह-जगह से दरक चुकी हैं। उस पर फिर से हो रही बारिश से उनकी चिताएं बढ़ी हुई है कि कोई दीवार ढह न जाए।
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तिरपाल नहीं मरम्मत कराएं: बस्तीवासियों ने कहा कि उन्हें प्लास्टिक के तिरपाल नहीं बल्कि घरों की मरम्मत चाहिए। बच्चों, महिलाओं के साथ वे प्लास्टिक के तिरपाल के नीचे कैसे रात गुजार सकते हैं। अगर युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य कराया जाए तब जाकर लोग खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। इधर, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार फिलहाल तत्काल प्रभावितों को प्लास्टिक की तिरपाल मुहैया कराई गई है। इसके बाद शीर्ष अधिकारियों से जैसा निर्देश मिलेगा वैसी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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बस्तीवासियों को पका भोजन का वितरण : बुधवार को बस्तीवासियों द्वारा प्रदर्शन कर प्रभावित इलाके में पका हुआ भोजन वितरण जारी रखने की मांग की गई थी। जिसके बाद मधुसूदनपल्ली सरकारी विद्यालय में बस्तीवासियों के लिए डालमा, भात, सब्जी व दाल तथा नाश्ता वितरण किया जा रहा है। सबकुछ पटरी में आने में अभी वक्त लगने के कारण बस्तीवासियों ने इस सुविधा को जारी रखने की अपील की थी। जिसे प्रशासन ने मान लिया है।