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खुद ही बीमार पड़ा है आरजीएच का नेत्र विभाग

गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए केंद्र और राज्य

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 11:55 PM (IST)
खुद ही बीमार पड़ा है आरजीएच का नेत्र विभाग
खुद ही बीमार पड़ा है आरजीएच का नेत्र विभाग

जागरण संवाददाता, राउरकेला : गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। गरीबों को आर्थिक मदद तक पहुंचाई जा रही है। लेकिन यह सब सुविधा सरकारी अस्पतालों के लिए किसी सपने से कम नहीं। अब राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) के नेत्र रोग विभाग को ही लें। जो इन दिनों खुद ही बीमार पड़ गया है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में आरजीएच के जिम्मेदार एक डॉक्टर अपना पल्ला झाड़ते नजर आए तो वहीं अपनी लाचारी भी जताई।

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इस नेत्र रोग अस्पताल के सामने आरजीएच प्रबंधन की ओर से विशाल हो¨ड़ग लगाई गई है। जिस पर इस अस्पताल में मोतिया¨बद के मरीजों का निश्शुल्क में इलाज कराने और ऑपरेशन करने के लिए सरकारी व्यवस्था का उल्लेख किया गया है। इस अस्पताल में रोज करीब 70 से 80 मरीज इलाज कराने आते है। जिनमें से 15 से 20 लोगों में मोतिया¨बद की शिकायत मिलती है। इसके बावजूद आपरेशन नहीं हो पा रहा है क्योंकि ऑपरेटिव माईक्रोस्कोप मशीन लगभग 20 दिन से खराब है। इसके कारण अस्पताल में मोतिया¨बद का ऑपरेशन कराने में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं आरजीएच में मोतिया¨बद के मरीजों का ऑपरेशन करने के लिए शिविर का भी आयोजन किया जाता था। लेकिन जब से मशीन खराब हुई है, शिविर भी नहीं लग रहा है। इससे लोगों में काफी रोष व्याप्त है।

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नेत्र अस्पताल में क्या सही क्या गलत हो रहा है। उक्त विभाग के लिए क्या- क्या जरूरत है। क्या चाहिए उसकी जिम्मेदारी डॉ. समीर कुमार पात्र की है। मुझे इस संबंध में कुछ पता नहीं।

- शशांक कवि सतपति,डिप्टी सीएमओ, आरजीएच।

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मशीन का बनना बहुत मुश्किल :

नेत्र अस्पताल के मोतिया¨बद मरीजों का ऑपरेशन करने वाली ऑपरेटिव माइक्रोस्कोप मशीन काफी है। पिछले साल इसकी मरम्मत कराई गई थी। उस समय 39 हजार रुपया खर्च आया था। एक साल बाद भी मरम्मत करने वाली संस्था को भुगतान नहीं किया गया है। मैकेनिक ने उसी समय कहा था कि इस बार खराब होने से और नहीं बन पाएगा। इस संबंध में ओडिशा स्टेट मेडिकल कॉरपोरेशन (ओएसएमसी) को खत भेजा गया है। जब तक वहां से उक्त मशीन नहीं आ जाता तब तक नेत्र मरीजों का ऑपरेशन संभव नहीं है। आरजीएच को बाहर से मशीन खरीदने का अधिकार नहीं है।

- डॉ. समीर कुमार पात्र, नेत्र अस्पताल प्रभारी, आरजीएच।


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