School Fees: स्कूलों से पूरी फीस जमा करने का नोटिस, ऑनलाइन पढ़ाई बंद करवाने की भी चेतावनी
School Fees कोरोना महामारी के कारण सात माह से बंद पड़ें स्कूलों की तरफ से अब पूरी फीस लेने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाला जा रहा है। फीस में छूट को लेकर हाईकोर्ट का फैसला भी 10 नवंबर को आ सकता है
राउरकेला, जागरण संवाददाता। School Fees: कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के चलते सात महीने से स्कूल बंद हैं। किसी तरह ऑनलाइन पढ़ाई कर औपचारिकता पूरी की जा रही है। अभिभावकों की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है। इस परिस्थिति में स्कूल प्रबंधन की ओर से बगैर किसी छूट के अभिभावकों पर एक साथ पूरी फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
ऑनलाइन पढ़ाई बंद कराने तथा व्हाट्स एप ग्रुप से बाहर करने व परीक्षा का परिणाम रोकने जैसी चेतावनी को लेकर अभिभावकों में असंतोष देखा जा रहा है। फीस में छूट को लेकर अखिल भारतीय अभिभावक संघ की ओर से ओडिशा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर फैसला 10 नवंबर को आने वाला है।
सुंदरगढ़ जिले के निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे कुछ स्कूलों के एनुअल फीस में 30 फीसद तक की छूट दी गई है जबकि अधिकतर स्कूल पूरी फीस लेने पर अड़े हैं। सात महीने से स्कूल बंद हैं एवं बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल प्रबंधन की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई कराने की व्यवस्था तो की गई है पर बच्चों को इससे खास लाभ नहीं हो रहा है। स्कूलों की ओर से अब लगातार अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई बंद करने तथा व्हाट्सएप ग्रुप से निकालने की चेतावनी से अभिभावकों में असंतोष देखा जा रहा है।
अखिल भारतीय अभिभावक संघ के ओडिशा प्रदेश महासचिव सुरेन्द्र दास ने इस पर क्षोभ प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि अभिभावकों के शोषण के खिलाफ संघ की आेर से संघर्ष जारी रखा गया है। फीस में छूट की मांग को लेकर ओडिशा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई हो चुकी है। स्कूल प्रबंधन से छूट क्यों नहीं दिया जाए इसे लेकर दस्तावेज मांगे गए हैं।
इस पर अगली सुनवाई 10 नवंबर को तय की गई है। उसी दिन इस पर फैसला भी सामने आ सकता है। स्कूल प्रबंधन को तब तक दबाव नहीं डालना चाहिए। यदि प्रबंधन की ओर से जबरन वसूली की जाती है तो इसके खिलाफ आंदोलन किया किया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से तब तक इंतजार करने का अनुरोध किया है। दूसरी ओर सरकार की ओर से भी छूट पर विचार करने को कहा गया है पर अधिकतर स्कूल ऐसा करने में असमर्थता जता रहे हैं।