पहले संविधान बदला अब बैक डोर से अध्यक्ष मनोनयन की तैयारी, मामला हरियाणा नागरिक संघ का
जासं, राउरकेला : हरियाणा नागरिक संघ की एडहाक कमेटी ने पहले संघ के संविधान को बदल डाला और अब अध्यक्ष का मनोनयन बैकडोर से करने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की माने तो बैक डोर से अध्यक्ष का मनोनयन भी कर लिया गया है। जबकि कमेटी के बाकी पदों पर संवैधानिक तरीके से मतदान के जरिये आगामी दिनों में एजीएम के बाद कराई जानी है। सूत्रों ने कहा कि एडहाक कमेटी ने बैक डोर अध्यक्ष मनोनयन के लिए सदस्यों द्वारा दिए गए जिस मेमोरंडम को आधार बनाया है। वह मेमोरंडम उस समय दिया गया था जब पिछली चुनी गई रमेश अग्रवाल बरसुआवाले की अध्यक्षता में कमेटी के कार्यकाल का विवाद बढ़ा था। इस दौरान ट्रस्टियों ने एक एडहाक कमेटी बनाकर चुनी और कमेटी के पावर अपने हाथ में लेने का प्रयास किया। लेकिन दोनों कमेटी खुद को सही कमेटी बताने में तुली थी।
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चुनी गई कमेटी का कार्यकाल पूरा कराने के लिए था मनोनयन का सुझाव
इसी दौरान सदस्यों ने एक मेमोरंडम दिया था। जिसमें कहा गया था कि यदि कोई चुनी गई कमेटी के अध्यक्ष खुद इस्तीफा देते हैं या फिर हटाए जाते है तो नए अध्यक्ष के लिए फिर से मतदान न कराकर सर्वसम्मति से सदस्यों में से किसी एक का मनोनयन कर चुनी गई कमेटी का कार्यकाल पूरा कराया जाए। इसी मेमोरंडम को छेड़छाड़ कर आगामी कार्यकारिणी के लिए अध्यक्ष पद का चुनाव न कराकर बैकडोर से उसका मनोनयन करने तथा बाकी कमेटी का चुनाव कराने की तैयारी थी। शुक्रवार की शाम इसी को लेकर ट्रस्ट के सदस्य, एडहाक कमेटी के सदस्य और चुनाव अधिकारियों की बैठक चल रही है। जिसमें एड़हाक कमेटी अध्यक्ष डा सुरेश बंसल, सचिव राजेश अग्रवाल, सह सचिव रधेश्याम बरेलिया, रामू बंसल, कोषाध्क्ष चंद्रेश गुप्ता, ट्रस्टी ब्रिजमोहन अग्रवाल, बिष्णु दयाल अग्रवाल, मुख्य चुनाव अधिकारी गोपाल दास अग्रवाल, रामोवतार अग्रवाल, राकेश जैन आदि उपस्थित थे।
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पूर्व अध्यक्ष ने मनोनयन का किया विरोध
वहीं इस दौरान बैठक में पहुंचे हरियाणा नागरिक संघ के पूर्व अध्यक्ष नरेश अग्रवाल व अन्य ने भी बैकडोर अध्यक्ष के मनोनयन का विरोध किया। कहा कि हरियाणा नागरिक संघ कोई छोटी कमेटी नहीं है। जिसके अध्यक्ष का मनोनयन तथा बाकी सदस्यों का चुनाव कराया जाए। उन्होंने पुरजोर ढंग से कहा कि यह गलत परंपरा है, जिसे हरियाणा नागरिक संघ में लागू न होने दिया जाए। जिस मेमोरंडम के हवाले यह निर्णय लिया गया है, उसमें नरेश ने टेंपरिंग का आरोप लगाया है। उनके आपत्ति के बाद एडहॉक कमेटी ने इसे संज्ञान में लेकर कार्यवाही का उन्हें आश्वासन दिया है।