विपक्ष ने मोदी की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार
विधान सभा चुनाव में पांच राज्यों के नतीजे आने के बाद, भारतीय जनता पार्टी की सत्ता और गढ़ माना जाने वाले तीन राज्यों में उसकी पराजय से विपक्ष के हौसले मजबूत हो गए हैं।
राउरकेला, जेएनएन। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके है। इनमें से भारतीय जनता पार्टी की सत्ता और गढ़ माना जाने वाले तीन राज्यों में उसकी पराजय से विपक्ष के हौसले मजबूत हुए है। सभी विपक्षी दलों ने एक स्वर से इस हार के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
विपक्ष का कहना है कि विकास के नाम पर भाजपा की सरकारों ने कुछ नहीं किया अलबत्ता वादों की सरकार बन कर रह गई। चाहें बात केंद्र सरकार की करें या फिर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की बात करें, कहीं भी जनता से जुड़े मुद्दों पर कुछ नहीं किया गया। किसानों और बेराजगारों की उपेक्षा की गई। जबकि दावे बहुत किए गए पर वे जमीन पर हकीकत में कहीं नजर नहीं आए। राउरकेला के लिए प्रधानमंत्री ने कई बड़ी बड़ी घोषणाएं की पर वे धरातल पर नजर नहीं आई। ऐसे में समझा जा सकता है कि भाजपा की सरकारों ने लोगों को केवल सपना दिखाने का काम किया है। जिसे देश राज्य की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। ओडिशा में अगले साल होने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का वहीं हाल होगा जो अभी तीन राज्यों में हुआ है।
मोदी की धोखेबाजी, बकवास, छात्र व युवा विरोधी नीति का यह जवाब है। किसान, महिला और सेना को सड़क पर खड़ा कर मोदी सरकार शासन करना चाह रही थी जिसे जनता बर्दास्त नहीं करेगी। आज जनता राहुल एवं कांग्रेस के साथ खड़ी है। आगामी लोक सभा चुनाव में इसका असर दिखेगा एवं परिणाम कांग्रेस के पक्ष में होगा।
- प्रभात महापात्र, पूर्व विधायक।
जनता को झूठ बोलकर अधिक दिन तक नहीं ठगा जा सकता है। इसकी भी एक सीमा होती है। जनता को यह समझा में आ गया है कि मोदी के शासन में अच्छे दिन केवल एक सपना है। हवा बनाने से काम नहीं चलेगा क्योंकि वास्तविकता और कुछ है। जनता ने इसका जवाब विधानसभा चुनाव में दिया है। 2019 में एनडीए सरकार का जाना तय है।
- प्रभात मिश्रा, भाकपा नेता।
नरेंद्र मोदी की जनविरोधी, किसान विरोधी, श्रमिक विरोधी और युवा विरोधी नीति का जवाब मिल रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में यह सामने आ गया है। सरकार देश की जनता के हित में काम न कर कुछ पूंजीपतियों के लिए ही काम कर रही है। अच्छे दिन का सपना दिखाया था पर कुछ अच्छा नहीं हुआ है। 2019 लोकसभा से पहले जवाब मिल गया है।
- विष्णु महंती, माकपा प्रदेश महासचिव।
भाषण से काम नहीं चलता है इसके लिए काम कर दिखाना होता है। चुनाव से पूर्व किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। जनता के साथ धोखा हुआ है जिसका परिणाम दिख रहा है। ओडिशावासियों को भी केंद्र की उपेक्षा झेलनी पड़ रही है। आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में आडिशावासी भी जवाब देंगे।
- शारदा प्रसाद नायक, पूर्व मंत्री, ओडिशा।
छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 साल से शासन कर रही थी। यहां सीट कम होने की उम्मीद थी। मध्यप्रदेश का परिणाम भी अच्छा है। विधानसभा चुनाव का लोकसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पूरे भारत में भाजपा की स्थिति अच्छी है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का परिणाम अच्छा होगा तथा पूर्ण बहुमत से दुबारा सरकार बनाएगी। सरकार सभी वादे पूरा करेगा।
- धीरेन सेनापति, प्रदेश सचिव, भाजपा।
राजस्थान में यह परंपरा रही है, सरकार पांच साल की बनती है। राजस्थान में स्थिति अच्छी नहीं थी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से स्थिति सुधरी और यहां अधिक सीट मिल पायी है। छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं बन पायी। मध्यप्रदेश में परिणाम उम्मीद से अच्छा है। लोक सभा चुनाव में इसका असर नहीं पड़ेगा। ओडिशा में लोक सभा व विधानसभा में परिणाम अच्छा होगा।
- निहार राय, पूर्व नगरपाल।
देश में जनता ने झलक दिखा दिया है। अब देश में मोदी हवा नहीं रही है। मध्यम व निम्न तबके के विरुद्ध नीति के कारण जनता त्रस्त है। लोगों के असंतोष का परिणाम आगामी लोक सभा चुनाव में दिखेगा। ओडिशा में लोक सभा व विधानसभा चुनाव में अच्छा परिणाम सामने आएगा। राउरकेला में भी कांग्रेस की स्थिति अच्छी होगी। अब हवा राहुल और कांग्रेस के पक्ष में है।
-रवि राय, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, राउरकेला।
जनविरोधी काम का यह जवाब है। जनता हमेशा निष्पक्ष रहती है एवं सब समझती है। अधिक दिनों तक उन्हें धोखा नहीं दिया जा सकता है। अब जनता को हिन्दू- मुस्लिम राजनीति स्वीकार नहीं है। लोग काम खोज रहे हैं पर यह नहीं मिल रहा है। किसान व मजदूर त्रस्त हैं। जिसका जवाब विधानसभा चुनाव में मिला है।
-विनय तिवारी, संयोजक, आम आदमी पार्टी।
मोदी का अहंकार अब आधा हो गया है। जनता ने इसका जवाब दिया है। जीएसटी, नोटबंदी, मजदूर व किसान विरोधी कानून बनाकर जनता को परेशान किया है। इसका जवाब जनता ने विधानसभा चुनाव में दिया है। राहुल गांधी के द्वारा पार्टी की कमान संभालने के बाद जनता का विश्वास बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में जनता ने इसका तोहफा दिया है।
-राजकुमार यादव, एआइसीसी सदस्य।