जनाक्रोश की भेंट चढ़ी ओसीएल की जनसुनवाई
हजारों ग्रामीणों ने परंपरागत हथियार के साथ किया प्रदर्शन, सभास्थल तक नहीं पहुंच सके अधिकारी, अगली रणनीति तय करने में जुटा प्रबंधन।
राउरकेला, जेएनएन। ओसीएल के लांजीबेरना खदान के विस्तारीकरण के लिए बुलाई गई जनसुनवाई बुधवार को जनाक्रोश की भेंट चढ़ गई। बीरमित्रपुर विधायक जार्ज तिर्की की अगुआई में लाठी, डंडे, बरछी, भाला व गड़ासे से लैस हजारों ग्रामीणों के उग्र विरोध के कारण प्रशासन को जनसुनवाई टालनी पड़ी। हालात को नियंत्रित करने प्रशासन की पूर्व तैयारियां धरी की धरी रह गई और किसी भी सरकारी अधिकारी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। नतीजतन जनसुनवाई की सारी तैयारियां विफल हो गई।
ओसीएल विस्तारीकरण के लिए आहूत इस अहम जनसुनवाई के टलने के बाद अब ओसीएल प्रबंधन अगली रणनीति तैयार करने में जुट गया है। बुधवार सुबह 10 बजे से ओसीएल इंडिया द्वारा लंजिबेरना लाइम स्टोन एवं डोलोमाइट खदान में मौजूदा वार्षिक उत्पादन क्षमता लाइम स्टोन 4.2 मिलियन टन तथा डोलोमाइट 0.08 नियुत टन से बढ़ाकर प्रस्तावित लाइम स्टोन 9.5 मिलियन टन तथा डोलामाइट 0.08 मिलियन टन (आरओएम वार्षिक 17.0 मिलियन टन) को वृद्धि के लिए आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी हेतु जिले के राजगांगपुर ब्लाक,गर्भना ग्राम पंचायत अंतर्गत जामपाली स्टेडियम में जनसुनवाई बुलाई गई थी।
तय समय से करीब दो घंटे बाद अपराह्न 12 बजे के करीब इस की घोषणा करते हुए अतिरिक्त जिलापाल भाष्करचन्द्र तुरुक ने कहा की मुझे बातचीत से यह लगा की स्थानीय लोग पर्यावरण संबंधी जनसुनवाई के लिए पूरी तरह शिक्षित नहीं हैं तथा उन्हें और समय दिया जाना चाहिए।