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महिलाएं खुद को न समझें अबला: पद्मिनी

कलुंगा स्थित फुटबाल मैदान में रविवार की शाम मां समलेई सांस्कृ

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:25 PM (IST)
महिलाएं खुद को न समझें अबला: पद्मिनी
महिलाएं खुद को न समझें अबला: पद्मिनी

जागरण संवाददाता, राउरकेला: कलुंगा स्थित फुटबाल मैदान में रविवार की शाम मां समलेई सांस्कृतिक परिषद का नुंआखाई भेंटघाट समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। पंडित राधेश्याम मिश्र ने मां समलेई की विधिवत पूजा अर्चना की। वहीं उनके सहयोगी सत्यनारायण पंडा ने नवान्न का वितरण किया।

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इस अवसर पर विशिष्ट नृत्यांगना व गायिका पद्मिनी पाणिग्राही ने महिला सशक्तीकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिलाएं स्वयं को अबला न समझें। क्योंकि महिलाएं भी विभिन्न क्षेत्र में अपना श्रेष्ठ काम कर रही हैं। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वे पश्चिम ओडिशा की कला, संस्कृति व परंपरा को देश-विदेश में प्रचार कर चुकी हैं। विवाह होने के बाद भी कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं। महिलाएं अपने हुनर व प्रतिभा को विकसित कर समाज में अपना एक अलग मुकाम तय करें। मुख्य वक्ता डा. अच्युत कुमार रथ ने अपनी कविता के साथ पश्चिमांचल के अन्य कवियों की कविताओं का पाठ कर सब का मन मोह लिया। सम्मानित अतिथि फोरेस्ट रेंजर सुधांशु साहानी ने किसी भी उत्सव के दौरान पौधरोपण करने की सलाह दी। जिससे परिवेश को शांत व सुंदर बनाने में मदद मिल सके। अन्य सम्मानित अतिथि डा. निमाईं पटेल ने भी अपने विचार रखे। परिषद के विजयबिहारी होता ने अतिथियों का स्वागत किया।


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