नारी की दशा को उकेर गया 'पाखिला'
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राष्ट्रीय नाटक विद्यालय एवं राउरकेला इस्पात संयंत्र की ओर से आयोजित राष्
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राष्ट्रीय नाटक विद्यालय एवं राउरकेला इस्पात संयंत्र की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पूर्वोत्तर नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन सिविक सेंटर राउरकेला में नाटक 'पोखिला' का भावपूर्ण मंचन किया गया। इसमें दर्शाया गया कि वर्तमान समाज में पुरुष का नारी के प्रति सम्मान खत्म होता जा रहा है एवं उसे केवल उपभोग की सामग्री समझा जाने लगा है।
इमरान हुसैन द्वारा रचित एवं ज्योतिनारायण नाथ के द्वारा निर्देशित असमिया नाटक में दर्शाया गया कि मंडल के घर में एक बच्ची बचपन से काम करती रहती है। धीरे-धीरे वह बड़ी होती है, शादी शुदा होने के बावजूद मंडल की बुरी नजर उस पर होती है। उसे अपना शिकार बनाने की ताक में वह रहने लगता है। पत्नी की अनुपस्थिति में वह अपनी इच्छा पूरी कर लेता है। जब मंडल की पत्नी को इसका पता चलता है तो बच्ची की पिटाई की जाती है। यहां तक की उसकी मां भी इसके लिए उसे ही जिम्मेदार मानती है एवं उसके साथ मारपीट करती है। नाटक में मासिक धर्म पर अंधविश्वास को भी दर्शाया गया है कि उस दौरान उसे घर भीतर ही सात दिनों तक रखा जाता है। नाटक में पनखी कश्यप, नयन दोरा, मेघाली कलिता, निर्मली शर्मा, देवंगना लाहकार, वंदना साइकिया, फैन्सी छूतिया, दीघा मजूमदार, भास्कर शर्मा, एनक्सी इंदिरा ने अभिनय से दर्शकों के दिलों को जीत लिया।