बगैर लाइसेंस चल रही दर्जनों निजी सुरक्षा एजेंसिया
जिले में प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड देने का धंधा फलफूल रहा है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : जिले में प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड देने का धंधा फलफूल रहा है। पांच दर्जन से अधिक संस्थाओं में बहुतायत के पास इसके लिए आवश्यक लाइसेंस तक नहीं हैं। इनमें कार्यरत सुरक्षा गार्डों को न तो न्यूनतम मजदूरी और न ही सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है। आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम लिया जा रहा है। गार्ड नियुक्ति करने वाले संस्था व सिक्यूरिटी गार्ड मुहैया कराने वाली संस्थाओं की मिलीभगत में यह काम हो रहा है एवं लाखों रुपये की हेराफेरी इसमें हो रही है।
सुंदरगढ़ जिले में विभिन्न संस्थाओं के द्वारा एनआइटी, आइजीएच, स्कूल, कालेज, बैंक समेत विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में निजी सुरक्षा गार्डों को नियुक्ति दी गई है। 12 घंटे के काम के एवज में उन्हें पांच से सात हजार रुपये का वेतन दिया जाता है। सिक्यूरिटी संस्था चलाने वालों पर सरकार व प्रशासन का किसी तरह का अंकुश नहीं होने के कारण लोगों की मनमानी चल रही है। बेरोजगार युवकों को नियुक्ति देने के लिए पहले कई तरह का प्रलोभन दिया जाता है। पोशाक, जूता, पंजीकरण एवं अन्य बहाने पैसे भी लिए जा रहे हैं। काम शुरू करने के बाद उनका शोषण आरंभ हो जाता है। सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने वाली संस्था से अधिक रकम लेकर संबंधित संस्था कम वेतन सुरक्षा गार्डों को दे रही है। कई को तो महीनों वेतन नहीं मिल पाता है। प्रशासनिक अधिकारियों को विभिन्न संगठनों की ओर से ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद ऐसी संस्थाओं के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से बेरोजगार युवक शोषण का शिकार हो रहे हैं।