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निर्देश ताक पर, लाल ईट का निर्माण व बिक्री जारी

सुंदरगढ़ जिले के पानपोष अनुमंडल में मिट्टी की लाल ईंट के निर्माण व बिक्री पर पाबंदी के बावजूद 40 से अधिक ईंट भट्ठे चल रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निर्देशों का भी यहां पालन नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 09:45 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:45 PM (IST)
निर्देश ताक पर, लाल ईट का निर्माण व बिक्री जारी
निर्देश ताक पर, लाल ईट का निर्माण व बिक्री जारी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले के पानपोष अनुमंडल में मिट्टी की लाल ईंट के निर्माण व बिक्री पर पाबंदी के बावजूद 40 से अधिक ईंट भट्ठे चल रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निर्देशों का भी यहां पालन नहीं हो रहा है। बालू घाटों की नीलामी किए बगैर ढुलाई धड़ल्ले से जारी है। पानपोष अनुमंडल के पांच तहसील अधीनस्थ 44 बालू घाट में बहुतायत की लीज अवधि पूरी हो चुकी है। इसके बाद भी बालू का खनन व परिवहन जारी है। राजस्व विभाग की ओर से ईंट भट्ठा मालिकों को केवल नोटिस जारी किया जा रहा है। वहीं, बालू ढुलाई करने वालों से जुर्माना लेकर उन्हें छोड़ दिया जा रहा है। इससे राजस्व की भारी क्षति हो रही है।

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बीरमित्रपुर तहसील क्षेत्र के कंरकेला के पास डेढ़ दशक से लाल ईंट तैयार की जा रही है। राजस्व विभाग की ओर से लाल ईंट बनाने पर रोक लगाई गई है। इसके बाद भी भट्ठा मालिक इसका पालन नहीं कर रहे हैं। बिसरा के गुड़गुड़जोर, पुरना बिसरा, जमसेरा, नुआगांव, लाठीकटा, कांसबहाल, राजगांगपुर, सुंदरगढ़ इलाके में बड़े पैमाने पर लाल ईंट के भट्ठे चल रहे हैं एवं इसकी बिक्री हो रही है। लाल ईंट भट्ठा के चलते न केवल मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है बल्कि प्रदूषण भी बढ़ रहा है। हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से जिला प्रशासन को ऐसे ईंट भट्ठों की सूची दी गई है तथा कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।

कोयल, ब्राह्मणी, शंख एवं अन्य नदी तट से भी बालू की अवैध ढुलाई धड़ल्ले से की जा रही है। राउरकेला तहसील में सात, बिसरा तहसील में सात, कुआरमुंडा तहसील में 13, लाठीकटा तहसील में आठ, बीरमित्रपुर तहसील में नौ बालूघाट हैं। राउरकेला तहसील में ब्राह्मणी नदी पर तरककेरा-1, तरकेरा-2, तरकेरा-3, कोयल नदी में तुमकेला, लुआकेरा, प्रधानपाली व सेक्टर-16, कोयलनगर बालूघाट हैं। इनमें से दो की नीलामी नहीं हुई है। इसके बावजूद बालू की ढुलाई जारी है। बिसरा तहसील में जामसेरा-1, जामसेरा-2, उडसू, कुंडापोष, जोबाघाट, बड़बंबुआ, मिटकुंदरी बालू घाट हैं। इनमें से केवल दो की नीलामी हुई है। शेष की लीज अवधि खत्म हो चुकी है पर ढुलाई पहले की तरह ही जारी है। कुआरमुंडा तहसील में 13 में से बीजू बंध, पसरा, जमुनानाकी, कुदाबेड़ा घाट से बालू ढुलाई की अनुमति है जबकि अन्य नौ की नीलामी अभी नहीं हुई है पर यहां से भी बालू की ढुलाई हो रही है। बीरमित्रपुर तहसील क्षेत्र में तेतरकेला, गोपुर, लंकेइ, जाहिरटोली घाट की नीलामी हुई है पर अन्य पांच की नीलामी नहीं हुई है। नीलामी के बगैर ही बालू की ढुलाई में दलाल, अधिकारी व ठेकेदार शामिल हैं। इससे राजस्व की भारी क्षति हो रही है।


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