वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग खतरनाक
वाहन चलाते समय थोड़ा सा भी ध्यान भटकना दुर्घटना को आमंत्रण
जागरण संवाददाता, राउरकेला : वाहन चलाते समय थोड़ा सा भी ध्यान भटकना दुर्घटना को आमंत्रण देना है। इससे हरदम सावधान रहने की आवश्यकता है। अक्सर लोग वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करते नजर आ जाते हैं। उस सयम लोग भूल जाते हैं कि उनकी यह हरकत काफी खतरनाक हो सकती है। वैसे भी आजकल वाहनों की गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। ऐसे में दस सेकेंड की भी असावधानी काफी घात साबित हो सकती है। इसलिए वाहन चलाते समय न तो कॉल रिसीव करें और न ही कान में इयर फोन लगाकर गाना सुनें।
अपनी नहीं दूसरों की सुनें : आजकल मोबाइल फोन आम आदमी के जीवन में काफी महत्वपूर्ण है पर यह जीवन की सुरक्षा से अधिक जरूरी नहीं है। इसलिए वाहन चलाते समय दिल दिमाग को वाहन एवं सड़क पर ही स्थिर रखना चाहिए। इस दौरान बस यातायात पुलिस के संकेत और पीछे से आ रहे वाहनों का हॉर्न सुनना निहायत जरूरी है। खास कर सड़क पार करते समय तो हेड फोन लगाकर बात ही नहीं करना चाहिए। इससे आने जाने वाले वाहनों से ध्यान भटकता है एवं दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
तेज आवाज में म्यूजिक से नुकसान : इन दिनों कार में हाई बेस वाले म्यूजिक सिस्टम लगाना फैशन सा बन गया है। शहर के भीतर ही नहीं राजपथ या राष्ट्रीय राजपथ पर चलते समय लोग तेज ध्वनि में गाना सुनने लगते हैं। हाईवे पर तो किसी की परवाह नहीं करते। जबकि हाई बेस गाना सुनने से वाहन चालक का तो ध्यान भटकता है वहीं साथ जा रहे लोगों का आराम छिन जाता है। लंबी दूरी पर जाने वाले लोग गीत सुनकर आराम नहीं बल्कि थकावट महसूस करते हैं। वाहन चलाते समय भी सह यात्रियों से फिजुल बातें या मजाक करना भी दुर्घटना को आमंत्रण करना है। इससे चालक का ध्यान विचलित होता है।
जांच या जुर्माना से ज्यादा जागरूकता जरूरी : राउरकेला के ट्रैफिक डीएसपी एमपी कारुआ का कहना है कि सड़क पर दोपहिया या चार पहिया वाहन चलाते समय हैड फोन या मोबाइल फोन से बात करना नियम का उल्लंघन है। अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इसी वजह से हो रही हैं। ऐसा करने वालों को पकड़ा जाता है एवं जुर्माना भी लिया जाता है पर यह काफी नहीं है। लोगों को अपने जीवन की सुरक्षा के प्रति खुद जागरूक होना होगा।