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हाईस्कूलों के कायाकल्प कार्य में धांधली

मो स्कूल अभियान के तहत चल रहे विकास कार्य में अनियमितता बढ़ती ही जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 09:23 AM (IST)
हाईस्कूलों के कायाकल्प कार्य में धांधली
हाईस्कूलों के कायाकल्प कार्य में धांधली

जागरण संवाददाता, राउरकेला : मो स्कूल अभियान के तहत चल रहे विकास कार्य में अनियमितता बढ़ती ही जा रही है। पूर्व अभियंता करोड़ों का टाइल्स आपूर्ति करने के साथ ही जो ठेकेदार उनसे टाइल्स नहीं ले रहे हैं उन्हें बिल पास नहीं करने की चेतावनी दी जा रही है। सरकारी स्कूल को टाइल्स गोदाम के रूप में उपयोग किया जा रहा है। दस स्कूलों में चल रहे विकास कार्य की निगरानी भी लोक निर्माण विभाग के द्वारा संबंधित अभियंता को सौंपा गया है। सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला व सुंदरगढ़ शहरांचल व 17 ब्लॉक में 50 स्कूलों में विकास का काम चल रहा है एवं प्रत्येक स्कूल को इसके लिए 15-15 लाख रुपये मिले हैं।

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पानपोष आइटीडीए में एक के बाद एक विवाद सामने आ रहा है। बिना टेंडर के मनमाने ढंग से ठेकेदारों के बीच काम बांट देने के का मामला सामने आने के बाद अब एक और विवाद सामने आया है। विभाग की ओर से 10 स्कूलों में चल रहे काम की निगरानी का दायित्व सेवानिवृत्त अभियंता को दिया गया है। एक राजनैतिक दल के नेता का समर्थन प्राप्त होने के कारण उसके खिलाफ कोई मुंह नहीं खोल पा रहा है। उसके द्वारा स्कूल का काम करने वाले ठेकेदारों को लाखों का टाइल्स उपलब्ध कराया जा रहा है। विभागीय अभियंता व अधिकारी के माध्यम से काम लेने वाले ठेकेदारों को उक्त अभियंता से टाइल्स लेना मजबूरी हो गई है। समान किस्म के टाइल्स बाजार में 55 से 56 रुपये वर्ग फीट में उपलब्ध है पर उस अभियंता से लेने पर अधिक रुपये देने पड़ रहे हैं। कुछ ठेकेदार इसका विरोध कर रहे हैं एवं वे बाजार से टाइल्स लाकर लगाने की बात कर रहे हैं जिससे उन स्कूलों में टाइल्स लगाने का काम नहीं हो पाया है। सेवानिवृत्त अभियंता के द्वारा सरकारी स्कूल का उपयोग टाइल्स गोदाम के रूप में किया जा रहा है वहां करोड़ों का टाइल्स रखा जा रहा है। टाइल्स बेच कर लाखों की कमीशनखोरी चलने का आरोप भी लगाया जा रहा है। अधिकतर आइटीडीए में पारदर्शिता है एवं टेंडर के बाद काम कराया जा रहा है पर पानपोष में उल्टा काम हो रहा है। बिना टेंडर के दस स्कूलों का काम 40 से अधिक ठेकेदारों के बीच बांटा गया एवं इस पर करीब तीन करोड़, 10 लाख, 80 हजार रुपये खर्च किए गए हैं।


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