पीने को पानी नहीं, शौचालय का कहां से लाएं
खुले में शौच को मजबूर गोपबंधुपाली के लोहारापाड़ा बस्तीवासि
जागरण संवाददाता, राउरकेला : खुले में शौच को मजबूर गोपबंधुपाली के लोहारापाड़ा बस्तीवासियों की पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं। घर में शौचालय का नाम सुनते ही बस्ती के लोगों का दर्द जुबान पर छलक आया। साहब, इस बस्ती में पीने और नहाने के लिए तो पर्याप्त पानी मिलता नहीं शौचालय में इस्तेमाल करने के लिए कहां से लाएंगे। बस्ती में पानी की घोर किल्लत है। जलस्तर नीचे चले जाने व पंप में पानी नहीं आने से यहां दस साल पहले बना सुलभ शौचालय भी बंद पड़ा है। लोगों के घरों में शौचालय नहीं है जिससे वे बाहर जाने को मजबूर हैं।
तीन सौ से अधिक परिवार वाली इस बस्ती के अधिकांश लोग में दैनिक मजदूरी व अन्य छोटा मोटा काम कर जीवनयापन करते हैं। यहां मुश्किल से सौ घरों में ही शौचालय हैं। इसके अभाव में लोग पास की दुर्गापुर पहाड़ी जाते हैं। हालांकि लोगों की सुविधा के लिए जिला परिषद कोष से शौचालय बना है। लेकिन पांच साल से इलाके के जलस्तर में गिरावट के चलते नलकूपों में पानी नहीं आ रहा है। सुलभ शौचालय के डीप बोर के बावजूद पानी नहीं आ रहा। इससे दो साल से यह बंद हो गया है। बस्ती के लोग दो नलकूपों पर आश्रित हैं। किसी तरह यहां के लोगों को पीने मिल जाता है। नहाने के लिए जहां तहां से पानी लाना पड़ता है या फिर कुछ दूर स्थित रेलवे के तालाब में जाकर स्नान करते हैं। लोगों के घरों में पीने का पानी कम पड़ जा रहा है तो शौचालय के लिए पानी लाना और मुश्किल काम है। इसी लिए सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के लिए पैसा मिलने के बावजूद लोग इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
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पीने के लिए दूर नलकूप से पानी लाते हैं। शौचालय के लिए राशि स्वीकृत हुई है पर शौचालय बनाना संभव नहीं है। सरकार की ओर से बस्ती में शौचालय से पहले पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- सरोज साहू।
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घर में पैसा कमाने वाला कोई नहीं है। मेहनत मजदूरी से जो मिलता है वह तो भोजन पर खर्च हो जाता है। शौचालय बनाने के लिए पैसे नहीं हैं। सरकार की ओर से इसके लिए राशि स्वीकृत नहीं की गई है।
- निराली कंडूलना।
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शौचालय निर्माण के लिए आवेदन किया था। इसके लिए राशि स्वीकृत किये गये हैं पर अब खाते में पैसा नहीं आया है। गरीबी के कारण अपना शौचालय निर्माण नहीं करा सके हैं। परिवार के लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं।
- मरियम बड़ाइक।
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गरीब परिवार के लोगों के पास शौचालय निर्माण की कोई जानकारी नहीं है। इसके लिए पैसा खाने पीने में खर्च कर दिया जाता है इस कारण सरकार को खुद ठेकेदार के जरिये शौचालय का निर्माण कराना चाहिए।
- निकोदिन टोप्पो।