शिक्षक ने किया अनाथ का कन्यादन
समाज में जब कोई अपने नहीं होते हैं तो पराये भी अपने बन जाते
जागरण संवाददाता, राउरकेला : समाज में जब कोई अपने नहीं होते हैं तो पराये भी अपने बन जाते हैं और जीवन संवारने में मददगार बनते हैं। बरगढ़ के बीजेपुर की अनीता साहू के माता पिता का देहांत 2013 में हो गया था। वह अनाथ थी। अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद छेंड कॉलोनी निवासी पतंजलि योग समिति से जुड़े शिक्षक यदुनानाथ दास उसके सहयोग के लिए आगे आए। उन्होनें हर संभव मदद की। रविवार को अनीता का कन्यादान कर पिता का फर्ज भी पूरा किया।
यदुनाथ दास ने अनीता साहू को बेटी के रूप में अपनाया था। इसी तरह छेंड कॉलोनी के शिक्षक राधाश्याम नायक के पुत्र दवा विक्रेता प्रदीप कुमार नायक ने भी केंद्रापाड़ा के राजनगर निवासी शिवचंद्र साहू को 10 साल से अपने पुत्र के रूप में पाला था। बचपन में ही शिवचंद्र के माता पिता का देहांत हो गया था। शिवचंद्र अब प्रदीप की दवा दुकान में काम करता है। अनीता व शिवचंद्र एक ही जाति के होने के कारण राधाश्याम व यदुनाथ ने दोनों की शादी कराने का फैसला लिया। रविवार को दोनों ने मिलकर धामरा संघ भवन में आर्य समाज की रीति से शादी संपन्न कराया। इसमें दोनों पक्ष से तीन सौ से अधिक लोग साक्षी बने।