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आइटीडीए में अनियमितता की जांच ठंडे बस्ते में

आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले के विकास के लिए समन्वित आदिवासी विकास संस्था (आइटीडीए) के जरिये योजनाओं का ठेका भ्रष्ट कर्मचारी अभियंता एवं उनके रिश्तेदारों के नाम पर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 09:39 AM (IST)
आइटीडीए में अनियमितता की जांच ठंडे बस्ते में

जागरण संवाददाता, राउरकेला : आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले के विकास के लिए समन्वित आदिवासी विकास संस्था (आइटीडीए) के जरिये योजनाओं का ठेका भ्रष्ट कर्मचारी, अभियंता एवं उनके रिश्तेदारों के नाम पर दिया गया। कहीं बिना काम के बिल पास हुआ तो कहीं थोड़ा काम कर राशि की निकासी कर ली गई। एक साथ कुछ काम टेंडर से हुआ जबकि कुछ काम अभियंताओं के नाम पर विभाग की ओर से कराया गया। इसमें करोड़ों रुपये की हेराफेरी की शिकायत विधायक कुसुम टेटे, पूर्व विधायक जोगेश सिंह ने लोकायुक्त से की थी। जिलापाल ने इसके जांच के निर्देश दिए थे व इसका दायित्व एडीएम को दिया गया था पर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।

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सूचना का अधिकार कानून के तहत मिले तथ्य के अनुसार, आइटीडीए के जरिये विभिन्न ब्लाक क्षेत्र में 2017-18, 2018-19 आर्थिक वर्ष में 176.60 करोड़ का काम टेंडर के जरिये हुआ जबकि 109.77 करोड़ का काम विभाग के माध्यम से कराया गया। कनीय अभियंता के नाम पर करोड़ों का कार्यादेश दिया गया। दोनों वित्त वर्ष में जूनियर इंजीनियर शुभश्री महाली की निगरानी में 48.88 करोड़ के टेंडर का काम हुआ तथा 19.82 करोड़ का काम विभाग के जरिये हुआ। उनके द्वारा राजगांगपुर ब्लाक में वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं वित्त वर्ष 2019-20 में लाइंग एकलव्य स्कूल, मालीडीह बालिका हाईस्कूल, जामपाली बालिका हाईस्कूल, कांसबहाल हाईस्कूल में 4.14 करोड़ का काम कराया गया था। लाइंग आदर्श आवासीय स्कूल में तीन साल में 94.41 करोड़ का काम उनके द्वारा किया गया। मालीडीह में 1.04 करोड़, जामपाली में 1.21 करोड़ रुपये का केवल विभागीय काम उनके द्वारा कराया गया था। कांसबहाल हाईस्कूल में छात्रावास के लिए तीन साल में 91.91 लाख का विभागीय काम हुआ। इन स्कूलों के निर्माण में करोड़ों का काम टेंडर के जरिये कराया गया था जबकि 4.14 करोड़ का काम विभाग से कराया गया। इसी तरह, सहायक अभियंता पवित्र मोहन प्रधान के नाम पर 63.75 करोड़ का टेंडर एवं 57.88 करोड़ का विभागीय काम हुआ। सहायक अभियंता लक्ष्मा साहू की देखरेख में 66.75 करोड़ का टेंडर एवं 27.45 करोड़ का विभागीय काम हुआ। कनीय अभियंता आशीष पात्र के जरिये 10.51 करोड़ का टेंडर काम एवं 4.61 करोड़ का विभागीय काम कराया गया है।


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