मदनमोहन आपट बंपर जीत हासिल कर बने पहले विधायक
सुंदरगढ़ जिले में आजादी के बाद बिसरा भी एक विधानसभा हुआ कर
जागरण संवाददाता, राउरकेला: सुंदरगढ़ जिले में आजादी के बाद बिसरा भी एक विधानसभा हुआ करता था। जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस, आइएनसी के मदनमोहन आपट भारी मतों से जीत कर यहां के प्रथम विधायक निर्वाचित हुए थे। इस विधानसभा में 1951, 1957, 1961, 1967 व 1971 तक मतदान भी हुआ था। 1971 के बाद इस विधानसभा का विलय अन्य विधानसभा में होने के बाद इस विधानसभा का अस्तित्व खत्म हो गया है। 2004 तक जब रघुनाथपाली विधानसभा आदिवासी प्रत्याशी के लिए संरक्षित था, तब पूरा बिसरा ब्लाक इस विधानसभा के दायरे में आता था। वर्तमान इस ब्लाक का झीरपानी पंचायत राउरकेला विधानसभा में आता है, जबकि ब्लाक का अवशिष्ट हिस्सा बीरमित्रपुर विधानसभा के दायरे में आता है।
देश की आजादी के बाद 1951 में हुये विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मदनमोहन आपट ने 25756 वोट हासिल किए हैं, जो कुल वोट का 64.59 फीसद था। जबकि निर्दलीय निर्मल मुंडा 8833 वोट लेकर दूसरे नंबर में थे, उन्हें मिले वोट का फीसद 22.15 फीसद रहा था। 1957 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय निर्मल मुंडा 13402 वोट लेकर विजेता बने थे, जिसमें कुल मतदान का 41.88 फीसद वोट उन्हें मिले थे। 1961 में गणतंत्र पार्टी के प्रेमचंद भगत ने 6783 वोट लेकर जीत दर्ज की थी। जिसमें वोट फीसद 26.97 था। कांग्रेस के जूनास खरिया 6199 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे तथा उन्हें कुल वोट का 24.64 फीसद वोट मिला था। 1967 के विधानसभा चुनाव में बिसरा सीट से एसडब्ल्यूए के केसी नायक 9672 वोट लेकर विजेता बने थे, उन्हें कुल वोट का 37.67 फीसद वोट प्राप्त हुआ था। दूसरे नंबर पर 5352 वोट लेकर कांग्रेस के एम बागे दूसरे नंबर पर रहे थे, इन्हें कुल वोट का 20.84 फीसद वोट मिला था। वहीं बिसरा विधानसभा का अंतिम चुनाव 1971 में हुआ था। जिसमें जेकेपी कुलान बागे 8709 वोट लेकर विजयी रहे थे, इन्हें 38 फीसद वोट मिला था। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के पातरस ओराम को 5942 वोट मिला था, जो कुल वोट का 25.83 फीसद थी।