टीसी संतोष कुमार ने दो बिछड़े को परिजनों से मिलाया
कहते है किसी बिछड़े को उनके परिवार वालों से मिलाने में
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कहते है किसी बिछड़े को उनके परिवार वालों से मिलाने में जो खुशी मिलती है वो किसी और कार्य में नहीं है मिलता है। चक्रधरपुर रेल डिवीजन अंतर्गत राउरकेला स्टेशन में टीसी के पद पर कार्यरत संतोष कुमार ने दो बिछड़े लोगों को उनको परिजनों से मिलाया है। पिता की डांट सुन कर घर से भाग कर राउरकेला पहुंचे झारखंड के एक 17 वर्षीय युवक अभिषेक तथा वेल्लौर से गलत ट्रेन पकड़ कर यहां पहुंची 54 वर्षीय महिला संतोष कुमार की सहायता से उनके परिजनों से मिलवा दिया गया।
इसके तहत तीन दिन पूर्व पिता से नाराज होकर झारखंड राज्य के रामगढ़ जिला के बारलेंगा थाना अंतर्गत शोकला गांव निवासी प्रमोद कुमार नायक के 17 वर्षीय बेटे अभिषेक घर में मामा के यहां जाने की बात कह कर चला था। शुक्रवार को संबलपुर की ओर से एलेप्पी एक्सप्रेस पकड़कर राउरकेला पहुंचा। स्टेशन से बाहर जाने के क्रम में प्लेटफार्म नंबर-1 के मुख्य गेट में ड्यूटी में तैनात टीसी संतोष कुमार ने उससे टिकट मांगा तो उसने घर से भाग कर आने की बात बता दी। संतोष कुमार ने उसे समझाबुझा कर चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। साथ ही उससे पिता प्रमोद कुमार नायक का मोबाइल नंबर लेकर बेटे के राउरकेला में होने की सूचना दी। प्रमोद कुमार सूचना पाकर शनिवार देर शाम को राउरकेला पहुंचे। चाइल्ड लाइन में जरूरी कार्रवाई के बाद रविवार को अभिषेक को उनके हवाले कर दिया गया। प्रमोद नायक ने टीसी संतोष कुमार का आभार व्यक्त किया। वह रविवार को जम्मू- तवी एक्सप्रेस ट्रेन से बेटे को साथ लेकर रवाना हुए।
इसी तरह वैल्लोर जिला के अभाकोन्नम स्थित गिरीगील्स पेट के 25-12 के बाजनाइकोभील्स स्ट्रीट निवासी 54 वर्षीय महिला सावित्री 29 मई को चेन्नई जाने के लिए ट्रेन में सवार हुई थी। गलती से वह दूसरे ट्रेन में सवार होने के कारण वह राउरकेला पहुंच गई। राउरकेला स्टेशन के पार्सल कार्यालय के अंतिम छोर में सावित्री को भटकता हुए देख ड्यूटी पर तैनात टीसी संतोष कुमार ने उनसे पूछताछ करने पर सावित्री केवल मलयाली भाषा में बात करने के कारण काफी परेशान हुए तथा किसी तरह उनके परिवार का मोबाइल नंबर मांग कर उनके बेटे गौतम को उनकी मां राउरकेला स्टेशन में होने की सूचना दी। जिसके पश्चात संतोष कुमार ने रेल पुलिस की सहायता से सावित्री के रहने के लिए आरजीएच में स्थित रेस्ट हाउस में ठहरने तथा खाने की व्यवस्था की। 31 मई की शाम को सावित्री का बेटा गौतम राउरकेला पहुंचा। टीसी संतोष कुमार से संपर्क करने के बाद रेल थाना में जरूरी कार्रवाई के बाद सावित्री को गौतम को सौंप दिया गया। 31 मई शाम को एलेप्पी ट्रेन से मां बेटा घर के लिए रवाना हुए।