जीएसटी फर्जीवाड़े में नारायण खेतान व संजीव सिंह गिरफ्तार
नारायण खेतान व संजीव सिंह के खिलाफ जांच के दौरान पुख्ता सबूत मिले जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है।
राउरकेला, जेएनएन। जीएसटी फर्जीवाड़े में सिविल टाउनशिप निवासी नारायण खेतान व संजीव कुमार सिंह को राउरकेला पुलिस ने गिरफ्तार कर एसडीजेएम की अदालत में पेश कर दिया। जहां से दोनों को राउरकेला स्पेशल जेल ले जाया गया। जीएसटी की टीम में शामिल एक दर्जन से अधिक अधिकारी व कर्मचारी दोनों को लेकर अदालत पहुंचे। इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों के बीच भी उत्सुकता बढ़ गयी कि किस मामले में आरोपियों को लाया गया है।
बहरहाल पुलिस ने दोनों को अदालत में पेश किया। मौके पर दोनों आरोपियों ने कहा कि उन्हें किसी तरह का नोटिस नहीं मिला। अगर कोई गलती हुई तो उन्हें सूचना मिलनी चाहिए थी ताकि वे मौजूद प्रावधानों के तहत जुर्माना या अन्य कानूनी मदद लेते। लेकिन अचानक टीम ने उन्हें बुलाया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि केंद्रीय जीएसटी (वस्तु व सेवा कर) विभाग की ओर से पिछले एक महीने से राउरकेला में जगह-जगह छापेमारी कर टैक्स की धांधली करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा था। विभागीय अधिकारी फिलहाल यह खुलासा नहीं कर रहे हैं कि धांधली कितने रुपयों की है। लेकिन आशंका जतायी जा रही है कि यह सौ करोड़ रुपये से अधिक का मामला है। जीएसटी विभाग की जद में शहर के 40 से अधिक लोग हैं। जिनके खिलाफ लगातार जांच चल रही है।
भुवनेश्वर में हुई थी सभी की परेड
विभागीय शिकंजा कसने के बाद शहर में मचे हड़कंप के बीच शहर के दो दर्जन से अधिक व्यवसायियों की परेड भुवनेश्वर में हुई थी। जहां सभी को बुलाकर विभाग की ओर से पूछताछ की गई। इसमें कई अहम खुलासे हुए जिसे विभाग फिलहाल साझा नहीं कर रही है। माना जा रहा है कि यह धांधली शहर में अब तक की हुई सबसे बड़ी धांधली है जिसमें विभागीय कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते हैं। कुछ टैक्स अधिवक्ता भी जांच के दायरे में हैं जिन्होंने जीएसटी के प्रावधानों से छेड़छाड़ करने का गुर इन व्यवसायियों को दिया है। एक मोटी फाइल तैयार कर इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। शहर में मौजूद सीजीएसटी के सभी कार्यालयों में इन व्यवसायियों के पूरे रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।
पहली बड़ी कामयाबी : अमित चंद्र
जीएसटी के इंटेलिजेंस विभाग के सहायक निदेशक अमित चंद्र सुनाल ने बताया कि जीएसटी की धांधली के मामले में चल रही जांच में यह पहली बड़ी कामयाबी है। नारायण खेतान व संजीव सिंह के खिलाफ जांच के दौरान पुख्ता सबूत मिले जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है। अभी और लोग कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
सुनाल ने आगे बताया कि आम लोगों को जीएसटी के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है। जिसका फायदा उठाकर यह लोग उनके दस्तावेजों पर जीएसटी नंबर निकाल लेते हैं। फिर फर्जी ट्र्रेंडिंग की जाती है। जिसमें इनवायस तो जाता है पर माल की ट्र्रेंडग नहीं होती। इस तरह से करोड़ों रुपए की धांधली की गयी है। जांच के दौरान कई मासूम लोगों से पता चला कि उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल फर्जीवाड़े के लिए किया गया है।