स्मार्ट सिटी में मजाक बना ठोस कचरा प्रबंधन
राउरकेला को स्मार्ट सिटी की घोषणा भले ही कर दी गयी है पर यहां स्मार्ट सुविधा से लोग वंचित हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल एनजीटी से नगर निगम को ठोस कचरा प्रबंधन के लिए कड़े निर्देश के बावजूद इस दिशा में पहल नहीं की गयी है एवं शहर का कचरा कालोनी व रिहायसी इलाके के पास ही डंप किया जा रहा है जिससे बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला को भले ही स्मार्ट सिटी घोषित कर दिया गया हो पर यहां स्मार्ट सुविधा से लोग वंचित हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) से नगर निगम को ठोस कचरा प्रबंधन के लिए कड़े निर्देश के बावजूद इस दिशा में पहल नहीं की गयी है एवं शहर का कचरा कॉलोनी व रिहायसी इलाके के पास ही डंप किया जा रहा है जिससे बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है।
स्मार्ट सिटी से निकलने वाला ठोस कचरा का प्रबंधन के लिए योजना बनायी गयी है पर इस दिशा में काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुले स्थानों पर कचरा डंप किया जा रहा है। रेलवे कॉलोनी में काली मंदिर के पास डंप किया गया कचरा नहीं हटाया गया है। यह कूड़ा सड़क पर आ रहा है। शहर के विभिन्न रिहायसी इलाके से संग्रह किया गया कचरा छेंड कॉलोनी में हवाई पट्टी तथा बीपीयूटी कैंपस के पास डंप किया जा रहा है। यह स्थान बीपीयूटी की चहारदीवारी से सटकर है। एसओएस चिल्ड्रन्स विलेज से करीब दो सौ मीटर तथा आदिवासी छात्रावास से सौ मीटर की दूरी पर है। खुले में कचरा डंप होने के कारण इसका दुर्गंध आवासीय क्षेत्रों में जाता है। जिससे यहां बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।
कई बार उठी आवाज पर कुछ नहीं हो पाया
छेंड कॉलोनी वासिदों की ओर से कचरा डंप करने के खिलाफ कई बार आवाज उठायी गयी है पर निगम की ओर से उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है। इस दिशा में पहल नहीं होती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि निगम के पास इसके प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं है जिस कारण खुले में कचरा फेंकना मजबूरी बन गयी है।