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प्रभु यीशु के जी उठने की याद में मनाई खुशी

प्रभु यीशु के जी उठने की याद में रविवार को इसाई धर्मावंबियो

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 07:20 PM (IST)
प्रभु यीशु के जी उठने की याद में मनाई खुशी
प्रभु यीशु के जी उठने की याद में मनाई खुशी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : प्रभु यीशु के जी उठने की याद में रविवार को इसाई धर्मावंबियों ने पास्का पर्व धूमधाम से मनाया। रोमन कैथोलिक चर्च से जुड़े लोगों ने जहां शनिवार रात एवं रविवार की सुबह गिरजाघरों में प्रार्थना सभा में पूर्वजों को याद किया वहीं जीईएल चर्च से जुड़े लोग कब्रगाहों में जाकर मोमबत्ती जलाई एवं अपनी पूर्वजों को याद किया। प्रभु यीशु के जी उठने की खुशी में घरों में नाच गान का दौर भी चला।

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गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु मनुष्य के पापों को अपने ऊपर लेकर बलिदान देते हैं तथा इसके एक दिन बाद यानी शनिवार की रात को मनुष्य के उद्धार के लिए उनका पुनर्जन्म होता है। इसे याद करते हुए शनिवार की रात को आरसी चर्च राउरकेला धर्म प्रांत मुख्यालय हमीरपुर चर्च में विसप किशोर कुमार कुजूर, विसप अल्फांस विलुंग की मौजूद थे। मुख्य पुरोहित फादर विलियम कुल्लू की अगुवायी में मिसा बलिदान आदि कार्यक्रम रात 10.30 बजे से प्रार्थना सभा शुरू हुई तो रात एक बजे तक चला। आग आशीष के बाद इससे पास्का मोमबत्ती जलायी गई एवं ज्योति गुणगान हुआ। इस मौके पर साथ ही बाप्टिस्मा का नवीकरण भी हुआ। ईसाई बनने के साथ शैतान को छोड़ने एवं ईसाइयत को अपनाने का संकल्प लिया गया। रात की प्रार्थना सभा में शामिल नहीं होने वाले लोगों के लिए सुबह गिरजाघरों में प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इसी तरह आरसी चर्च झीरपानी, शक्तिनगर, सिविल टाउनशिप, शांति भवन ¨टबर कॉलोनी, रेलवे कालोनी, महुलपाली, बंडामुंडा एवं अन्य गिरजाघरों में भी प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। जीईएल चर्च से जुड़े लोग शनिवार की रात को कब्रिस्तानों में गये जहां पूर्वजों के कब्रों पर फूल चढ़ाये एवं मोमबत्ती जलाकर उनकी आत्मा की शांति तथा पूर्वजों से आशीष की कामना की गई। झीरपानी, हमीरपुर के अलावा अन्य कब्रिस्तानों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

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बीरमित्रपुर आरसी चर्च में प्रार्थना सभा : रेलवे स्टेशन के पास स्थित आरसी चर्च में फादर अंथोनी टेटे एवं फादर शिलानंद तिर्की की देखरेख में शनिवार की रात साढ़े दस बजे से दो बजे तक प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। आग की आशीष के बाद मोमबत्ती जलायी गई तथा ज्योति का गुणगान हुआ। मिसा बलिदान का भी पाठ फादर के द्वारा किया गया। यहां बगडेगा, अंधारी, कोकेरामा, बराहबांस, शासनटोली, साहीलाता, तलसरा, कलिपास आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। जीईएल चर्च से जुड़े लोगों ने कब्रिस्तान में मोमबत्ती जलाई। रविवार की सुबह से नाच गान का दौर शुरू हुआ। घरों में भी लोग तरह तरह का पकवान बनाकर लोगों के बीच बांटने के साथ एक दूसरे को ईस्टर की बधाई दी।


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