यहां चहारदीवारी बनाने के लिए 500 पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी, वन विभाग का भी भय नहीं
ओडिशा के सुंदरगढ़ में कॉलेज की चहारदीवारी बनाने के लिए 500 पेड़ों को काट डाला गया कंस्ट्रक्शन कंपनी ने चहारदीवारी निर्माण के लिए नींव खोदने के नाम पर जेसीबी के जरिए पेड़ों को काटकर नष्ट कर दिया है।
राउरकेला, जागरण संवाददाता। ऐसा प्रतीत होता है कि सुंदरगढ़ जिले में पेड़ों का कोई महत्व नहीं है। जिसका जब मन हुआ वह सैकड़ों की संख्या में पेड़ों की कटाई कर डालता है। जबकि इसे रोकने के लिए वन विभाग का भय भी किसी में नहीं देखा जाता है। एक माह के भीतर पेड़ कटाई के दो घटनाओं ने लोगों के मन में इस तरह के सवाल को जन्म दिया है। 3 अक्टूबर को लेफ्रीपाड़ा प्रखंड के डूमाबहाल में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के निर्माण को लेकर बगैर विचार किए गांव के लोगों ने 145 मूल्यवान साल, महुआ, चार व बरगद के पेड़ों को काट डाला था।
500 पेड़ों की कर डाली कटाई
इस घटना के बाद 15 नवंबर के जिला खनिज संस्थान द्वारा निर्माण किए जाने वाले सुंदरगढ़ कॉलेज की चहारदीवारी हेतु संवेदक ने लगभग 500 पेड़ों की कटाई डाली। लेकिन वन विभाग ने अब तक इस मामले को लेकर किसी तरह का कदम नहीं उठाया है। 2014 में सुंदरगढ़ कॉलेज की 154 एकड़ जमीन खाली पड़ी थी। जिसमें वन विभाग ने चारा रोपण किया। पेड़ों की सुरक्षा के लिए तार की बाड़ लगायी। पांच साल के भीतर लगाए गए पौधे बढ़कर कॉलेज के पीछे एक प्रकार से जंगल में तब्दील हो गए। जो कि पीछे स्थित कोयला परिवहन के लिए बनाई बाईपास सड़क की धूल से कॉलेज के विद्यार्थियों को सुरक्षा दे रहे थे। लेकिन कॉलेज की कुछ जमीन पर अवैध कब्जा होने लगा। जिसे खाली कर पूरी जमीन कॉलेज के अधीन लाने के लिए विधायक कुसुम टेटे ने मांग की।
जमीन की पहचान कर अवैध कब्जा तुड़वाया
इसके बाद प्रशासन ने कॉलेज के जमीन की पहचान कर अवैध कब्जा को तुड़वाया। बाद में कॉलेज के जमीन पर चहारदीवारी निर्माण हेतु जिला खनिज संस्थान की ओर से 4.5 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया। पीडब्ल्यूडी विभाग के जरिए काम काम किया जा रहा है। कटक के डीपीएस कंस्ट्रक्शन को इसका टेंडर मिला है। कंस्ट्रक्शन कंपनी चार दिवारी निर्माण के लिए नींव खोदने के नाम पर जेसीबी के जरिए पेड़ों को काटकर नष्ट कर दिया है। इस संबंध में वन विभाग सूचना पाकर जब तक घटनास्थल पर पहुंचती, तब तक 500 से अधिक पेड़ों को काटा जा चुका था।
वन विभाग से नहीं ली अनुमति
घटनास्थल पर जांच को पहुंचे वनपाल विनोद पटनायक ने बताया कि कंपनी ने पेड़ काटने के लिए वन विभाग से किसी तरह की अनुमति नहीं ली है। इस संबंध में वे विभागीय उच्च पदाधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे। लेकिन अब तक कंपनी के खिलाफ वन विभाग की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। 3 अक्टूबर को लेफ्रीपाड़ा ब्लॉक के डूमाबाहाल में गांव के कुछ लोगों ने 15 एकड़ जमीन में लगे मूल्यवान पेड़ों को काट डाला था। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना के लिए प्रशासन ने उक्त जमीन की पहचान की थी।
स्थानीय लोगों को डर था कि कहीं प्रशासन मूल्यवान पेड़ों को देखकर आवासीय विद्यालय का स्थान ना बदल दे। इसलिए उन्होंने 3 अक्टूबर की सुबह-सुबह 145 पेड़ों को काट डाला था। हालांकि सुबह जमीन के निरीक्षण को पहुंचे उप जिलापाल ने पेड़ों को काटे जाने की बात देखकर वहां से चले आए थे। जिसके बाद वन विभाग घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरु की थी। 145 मूल्यवान पेड़ों को काटकर 15 एकड़ गोचर जमीन को पेड़ विहीन कर देने की घटना को इस बीच एक माह गुजर गया है। लेकिन वन विभाग ने अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।