खदान भ्रष्टाचार मामले में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
सबहेड एक लाख करोड़ रुपये लूटे हैं खदान माफिया एवं अधिकारी कैचवर्ड सदन की कार्यवा
सबहेड : एक लाख करोड़ रुपये लूटे हैं खदान माफिया एवं अधिकारी,
कैचवर्ड : सदन की कार्यवाही
-प्रदीप्त नायक ने कहा, लूट में सरकारी नेताओं की है भागीदारी
-राज्य की 9 खदान से 3600 करोड़ रुपये का हुआ है राजस्व नुकसान
-बीजद बोला-नियम अनुसार हो रही निलामी, सस्ती राजनीत कर रहे हैं विरोधी दल
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जासं., भुवनेश्वर : ओडिशा में एक दशक बाद फिर खदान भ्रष्टाचार का मामला लौट आया है। राज्य में गैरकानूनी ढंग से खदान कारोबार किए जाने के आरोप लगाते हुए भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों ने सरकार को घेरने का काम किया है। विरोधी दल भ्रष्टाचार का आरोप खदान माफिया, प्रशासनिक अधिकारी एवं राज्य सरकार के कुछ लोगों पर लगा रहे हैँ।
विरोधी दल नेता प्रदीप्त कुमार नायक ने सदन में गैरकानूनी खदान कारोबार का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि खदान माफिया एवं कुछ अधिकारी मिलकर एक लाख करोड़ रुपये लूट लिए हैं। जिसमें राज्य सरकार के कुछ लोग भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री को बार बार पत्र लिखने पर भी उसका जवाब नहीं मिल रहा है। एएमडीआर एक्ट 2015 का गलत विश्लेषण कर खदान माफिया की मदद की जा रही है। खदान लीज नवीकरण में उसी खदानों को अग्राधिकार दिया जा रहा है। इससे राज्य राजकोष को भारी नुकसान हो रहा है। सिराजुद्दीन खदान, रूंगटा माइंस आरएन माइनिग को 2015 से 2020 मार्च तक गैरकानूनी ढंग से खदान का कारोबार करने दिया गया।
उसी तरह से कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने सुप्रीमकोर्ट के मामले में प्रसंग उठाते हुए कहा कि राज्य के नौ खदान से 3600 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। सरकार के अनजाने में यह कभी भी सम्भव नहीं है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। कहा कि नौ खदानों का नाम जिनसे राजस्व नुकसान हुआ है उसमें नुआगां लौह अयस्क खदान, उइपाली, बलदा लौह अयस्क, ठाकुराणी, नइड़ा, नदीडी, जुरूड़ी एवं नारायणीपोषी लौह अयस्क खदान होने की जानकारी उन्होंने दी।
वहीं दूसरी ओर, बीजद विधायक प्रताप देव ने कहा है कि 2015-16 में ओडिशा दौरे पर आए केन्द्र सरकार के तत्कालीन कोयला एवं ऊर्जा मंत्री पियुष गोयल तथा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि खदान निलामी से ओडिशा को लाखों करोड़ रुपये का खदान राजस्व मिलेगा। उन्होंने पूछा, कितने रुपये प्रदेश को राजस्व मिला? सुप्रीमकोर्ट के निर्देश एवं केन्द्र सरकार के दिशा निर्देश के तहत नीलामी की जा रही है। विरोधी दल सस्ती राजनीति कर रहे हैं।