होटल उद्योग पर संकट, चार हजार परिवार बेरोजगार
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में होटल उद्योग को बड़ा नुकसान हुआ है। जिले के 160 से अधिक होटल लॉज और रेस्टोरेंट बंद हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना महामारी की दूसरी लहर में होटल उद्योग को बड़ा नुकसान हुआ है। जिले के 160 से अधिक होटल, लॉज और रेस्टोरेंट बंद हो गए हैं। इनमें कार्यरत चार हजार से अधिक परिवारों का रोजगार छिन गया है। इनमें कार्यरत अधिकतर कर्मी दूसरे राज्यों के हैं वे काम नहीं होने के कारण गांव लौट गए है। कुछ होटल व रेस्टोरेंट से ऑनलाइन खाद्य सामग्री की बिक्री से उनकी पूंजी भी निकाल पाना संभव नहीं हो पा रहा है। सभी को लॉकडाउन व शटडाउन हटने का इंतजार है। होटल, लॉज, रेस्टोरेंट एसोसिएशन की ओर से छूट एवं सुविधा देने की मांग सरकार से की गई है।
राउरकेला को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद शहर एवं आसपास के इलाके में बड़ी संख्या में होटल, लॉज एवं रेस्टोरेंट खुले। मेन रोड, सिविल टाउनशिप, उदितनगर, पानपोष रोड, सेक्टर-4 इलाके में 90 से अधिक होटल व रेस्टोरेंट हैं। राजगांगपुर व सुंदरगढ़ के आसपास 50 होटल व लॉज हैं। होटल व लॉज में साढ़े तीन सौ से अधिक कर्मचारी काम करते हैं एवं हर महीने आठ से दस करोड़ का कारोबार होता था। इस तरह हर साल सौ से 120 करोड़ का होटल व्यवसाय जिले में है। मिनी इंडिया कहे जाने वाले राउरकेला में राउरकेला इस्पात संयंत्र, बड़ी खदानें, एनआइटी व बीपीयूटी सहित पर्यटन स्थल होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना होता था एवं लोग यहां आकर होटल व लॉज में ठहरते थे पर अब यह पूरी तरह से बंद हो गया है। राउरकेला होटल मालिक एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आदित्य कुमार महापात्र, मो. कौसर जमील, शैलेन्द्र महंती ने बताया कि उद्योग में होटल उद्योग प्रमुख है। देश व राज्य के आर्थिक विकास में होटल उद्योग की प्रमुख भूमिका रही है। सुंदरगढ़ जिला तथा पश्चिम ओडिशा में अब छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, झारखंड के लोग कोरोना संक्रमण के डर से नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही तटवर्ती जिलों के लोग भी पर्यटन के लिए नहीं आ रहे हैं जिससे जिले में होटल उद्योग प्रभावित हुआ है। इस कठिन समय में होटल कर्मियों की जीविका तथा होटल उद्योग को बचाने के लिए सरकार की सहायता की नितांत आवश्यकता है। हर महीने बिजली बिल, बार लाइसेंस, बैंक ऋण, जीएसटी आदि क्षेत्र में सरकार से छूट मिलनी चाहिए। एसोसिएशन की ओर से आबकारी मंत्री निरंजन पुजारी, उद्योग मंत्री दिव्यशंकर मिश्र, मुख्य सचिव, पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष को भी सहयोग के लिए ज्ञापन प्रेषित किया गया है।