बरगढ़ से राउरकेला पहुंचे 31 चालकों को बस्ती के लोगों ने खदेड़ा
कोरोना महामारी को लेकर जागरूकता कहे या फिर डर लोग एक दूसरे को संदेह के निगाह से देखने लगे है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: कोरोना महामारी को लेकर जागरूकता कहे या फिर डर, लोग एक दूसरे को संदेह के निगाह से देखने लगे है। ऐसा ही वाक्या सोमवार की सुबह ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला शहर के मालगोदाम बस्ती में देखने को मिला। जब मालगोदाम बस्ती में रहने वाले लोगो को यह जानकारी मिली कि ओडिशा के बरगढ़ से झारखंड लौटने के क्रम में 31 चालक दैनिक क्रिया व नाश्ता करने रूके है तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया। केवल इतना ही नहीं तुरंत पुलिस को भी घटना की जानकारी दी थी। ओडिशा के बरगढ़ में वाहन चालक के रुप में काम करने वाले चालक झारखंड राज्य के कोडरमा, हजारीबाग व गिरिडीह के है। सभी काम के सिलसिले में बरगढ़ में आए हुए थे। लेकिन लॉक डाउन के कारण इनका काम बंद हो गया था। पहले तो लॉक डाउन की तिथि सीमित थी। लेकिन इसकी अवधि बढ़ने पर मालिकों ने इन्हें बैठाकर पैसे देने से मना कर दिया था। जिसके कारण झारखंड के इन 31 चालकों ने अपने घर लौटने का निर्णय लिया था। इन्होंने राउरकेला मालगोदाम में रहने वाले एक गाड़ी मालिक से एक मालवाहक जीप व छोटा हाथी भाड़े पर बुक किया था। जिसमें सभी रविवार की रात एक बजे बरगढ़ से निकले थे। यह लोग सभी सुबह मालगोदाम पहुंचे थे। जहां ये लोग भाड़ा गाड़ी के मालिक के घर पर दैनिक क्रिया करने के साथ-साथ नाश्ता करने के बाद आगे के सफर पर निकलते। लेकिन इस बीच बस्ती में इतनी संख्या में अज्ञात लोगों को देखकर लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया था। यह बात जैसे ही पूरी बस्ती में फैली। बस्ती के लोग एकजुट हो गए। उन्होंने इस विषम परिस्थिति में बाहर से आए लोगों का विरोध करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। इसकी सूचना पुलिस को भी दी थी। घटना स्थल पहुंचकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी।
मरनी के काम में राउरकेला आए 40 लोग बिहार रवाना
मरनी के काम में बिहार के विभिन्न हिस्सों से आकर ओडिशा के सुंदरगढ़ जिला अंतर्गत राउरकेला शहर में फंसे 40 लोग ट्रेलर से स्वदेश के लिए लौट गए है। उनके साथ राउरकेला स्टेशन में कार्यरत कुली व दैनिक मजदूर भी बिहार के लिए रवाना हुए। बिहार के डोभी, चतरा, गया व अन्य इलाके के करीब 40 लोग होली से पूर्व शहर के गोपोबंधुपल्ली निवासी रिश्तेदार के यहां आए थे। लेकिन इसी बीच कोरोना महामारी को रोकने लिए लॉक डाउन घोषित हो गया जिससे ये सभी लोग शहर में फंस गए। ऐसे में इतनी संख्या में मेहमानों के लिए राशन-पानी का प्रबंध मुश्किल होता देख 18 चक्का ट्रोलर से बिहार जाने का निर्णय लिया। इनके साथ स्टेशन में कुली व मजदूरी का काम करने वाले भी बिहार के लिए रविवार की रात को रवाना हुए।