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भूकंप से सुरक्षा को सक्षम बनने पर जोर

राउरकेला में वॉन कर्मन सोसाइटी, जलपाइगुड़ी के सहयोग से वेब मैकेनिक्स और वाईब्रेशंस पर आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

By Edited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 01:20 PM (IST)
भूकंप से सुरक्षा को सक्षम बनने पर जोर

राउरकेला, जेएनएन। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) राउरकेला में वॉन कर्मन सोसाइटी, जलपाइगुड़ी के सहयोग से वेब मैकेनिक्स और वाईब्रेशंस पर आठवां राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें एनआइटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. करुणेश कुमार शुक्ला ने कहा कि कंपन सभी संरचनाओं में सबसे वांछनीय चीजें हैं। एक इंजीनियर के रूप में हम एक प्रणाली तैयार करते हैं, जो गतिशील होना चाहिए। एक प्रणाली को डिजाइन करते समय हमें उस प्रणाली की प्राकृतिक आवृत्ति को जानने की जरूरत है जिसे हम डिजाइन करने जा रहे हैं।

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प्रो. करुणेश शुक्ला ने कहा कि भूकंप के मामले में कंपन की जानकारी आवश्यक है। वर्तमान में हम भूकंप से हमारी संरचनाओं की रक्षा करने में सक्षम नहीं हैं तथा स्पष्ट रूप से भूकंप की भविष्यवाणी करना मुश्किल है। केवल गणितज्ञ ही इसका समाधान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक चुनौती है एवं वास्तविक जीवन की समस्या के लिए विश्लेषणात्मक समाधानों का पता लगाना, कंपन का नियंत्रण और इसका समाधान निकालना जरूरी है।

कार्यक्रम में एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रो. अनिमेश बिश्वास ने कहा कि वेव मैकेनिक्स और कंपन सिद्धांतों का सामान्य रूप से वैमानिकी, नागरिक, वास्तुशिल्प, रोबोटिक्स, समुद्री, यांत्रिक, परमाणु, जीवविज्ञान, भूकंप, सुनामी और विज्ञान के अन्य क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं में सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन नए विचार, अनुभव और प्रगति को साझा करने के लिए शिक्षकों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के लिए एक अवसर प्रदान करेगा। वॉन कर्मन सोसाइटी के कार्यकारी सचिव डा. पी विश्वास, अध्यक्ष प्रो. एसबी करंजई, एसआरआइसीसीई के डीन प्रोफेसर एके पंडा, प्रो. डी रॉय ने अनुसंधान में तरंग यांत्रिकी और कंपन के महत्व पर चर्चा की।

एनआइटी राउरकेला प्रो. केसी पति ने विभाग के प्रमुख ने एनआइटी राउरकेला के गणित विभाग के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में प्रो. स्नेहाशीश चक्रवर्ती के संयोजक ने कहा इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्देश्य तरंग यांत्रिकी और कंपनों के अग्रणी शोधकर्ताओं को एक साथ लाने के लिए है जो नए सिद्धांतों के साथ-साथ कम्प्यूटेशनल और प्रयोगात्मक तकनीकों का उपयोग और विकास करते हैं। हम मानते हैं कि यह सहयोग विशेषज्ञों के दिमाग को पोषित करने और उस विषय में युवाओं को पोषित करने में एक उपयोगी कदम होगा। कार्यक्रम के आरंभ में प्रो. स्नेहाशिष चक्रवर्ती अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें अनुसंधान फेलो, विभिन्न विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों ने भाग लिया।


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