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शिमला मिर्च के गढ़ में सरकार का मिशन आलू फेल

राज्य सरकार ने सुंदरगढ़ जिले में आलू के लिए दो कोल्ड स्टोर

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 11:11 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:11 PM (IST)
शिमला मिर्च के गढ़ में सरकार का मिशन आलू फेल

जागरण संवाददाता, राउरकेला: राज्य सरकार ने सुंदरगढ़ जिले में आलू के लिए दो कोल्ड स्टोरेज स्थापित करवाया। बगैर यह जाने कि जिले में आलू का उत्पादन होता भी है या नहीं। वहीं, दूसरी ओर शिमला मिर्च के लिए विख्यात नुआगां प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज तो बनकर तैयार है लेकिन तीन साल में बिजली का कनेक्शन तक नहीं मिला। नतीजा किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिला।

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फिलहाल मिशन आलू के तहत जिले में बने कोल्ड स्टोरेज के मालिकों ने करोड़ों का नुकसान होने का हवाला देकर शनिवार को अपने-अपने कोल्ड स्टोरेज में ताला जड़ दिया। सुंदरगढ़ जिले का नुआगांव क्षेत्र शिमला मिर्च एवं टमाटर उत्पादन के लिए मशहूर है। यहां से ओडिशा, पश्चिम बंगाल व मध्यप्रदेश के बाजारों में निर्यात होता है। जिनके लिए कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

सरकार का आलू मिशन फेल: ओडिशा के बाजारों में मुख्य रूप से आलू पश्चिम बंगाल की मंडी से आयात किया जाता हैं। वर्ष 2014-15 में आलू का भाव 40 रुपये के पार चले जाने एवं घोर किल्लत को देखते हुए राज्य सरकार ने आलू मिशन शुरू किया था। तब राज्य में सालाना आलू की खपत 12 लाख टन और उत्पादन महज दो लाख टन थी। पश्चिम बंगाल की मनमानी को देखते हुए राज्य सरकार ने आलू का उत्पादन छह लाख टन सालाना करने का लक्ष्य के साथ 112 कोल्ड स्टोरेज बनाने का निर्णय लिया। अब तक 26 कोल्ड स्टोरेज पूरे राज्य में बनकर तैयार हो चुके हैं। इनमें सुंदरगढ़ जिले के दो कोल्ड स्टोरेज शामिल हैं। इन सबके बावजूद आलू उत्पादन पर कोई काम नहीं हुआ। नतीजतन कोल्ड स्टोरेज खाली पड़े हैं।

स्टोरेज मालिकों को भारी नुकसान : राज्य सरकार ने मिशन आलू के अंतर्गत कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए बैंक ऋण पर ग्रामीण क्षेत्र में 70 फीसद एवं शहरी क्षेत्र में 55 फीसद तक की सब्सिडी दी थी। पांच से 15 हजार मैट्रिक टन क्षमता वाले स्टोरेज के निर्माण में पांच से 15 करोड़ रुपये तक की लागत आई थी। सरकार को आलू रखने पर बिजली बिल पर 50 फीसद तक सब्सिडी देना था। लेकिन लोकल आलू का उत्पादन नहीं होने से कोल्ड स्टोरेज खाली पड़े रह गए। ऐसे में नुकसान की भरपाई करने के लिए कोल्ड स्टोरेज मालिक बंगाल से आलू मंगवाकर रखने लगे। पर इससे मालिकों को लागत अधिक होने से भारी नुकसान उठाना पड़ा। बड़गांव के स्टोरेज मालिक शिवशंकर अग्रवाल ने बताया कि हर महीने बिजली बिल एक लाख रुपये से अधिक का आता है। सरकार की ओर से सब्सिडी नहीं मिलने के कारण हर साल बिजली बिल व अन्य खर्च मिलाकर एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो रहा है।

नुआगांव के किसानों को चाहिए कोल्ड स्टोरेज : सुंदरगढ़ का नुआगांव क्षेत्र टमाटर व शिमला मिर्च के लिए मशहूर है। इस क्षेत्र में अच्छी किस्म का शिमला मिर्च और टमाटर पैदा होने के कारण मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के व्यापारी ट्रक लेकर यहां आते हैं और कम दाम पर माल लेकर वहां मुनाफा कमाते हैं। इस क्षेत्र में अधिक क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज की स्थापना होने से सब्जी की पैदावार उसमें रख कर बाद में ऊंचे दाम पर बेचा जा सकता है। जिसका लाभ किसानों मिलेगा।

हमारे पास कोई विकल्प नहीं: सरकार के मिशन आलू में हम भी भागीदार बनना चाहते थे लिहाजा कोल्ड स्टोरेज शीघ्र बनाकर तैयार किया गया। मेरे खुद के कोल्ड स्टोरेज की क्षमता पांच हजार टन की है। लेकिन इसके मुकाबले आलू हमें एक टन भी नहीं मिला। नुकसान की भरपाई के लिए बंगाल के आलू का स्टोरेज करने की कोशिश की गई पर नहीं हो पाया। क्योंकि बंगाल हमसे कम दर पर आलू मुहैया कराने में सक्षम है। लिहाजा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा कि हम कोल्ड स्टोरेज बंद कर दें।

- प्रभात टिबड़ेवाल, उपाध्यक्ष, ऑल ओडिशा, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन।


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