अनैतिक लाभ देने के मामले में तह तक पहुंची सीबीआइ
रिलायबल हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर व वर्ल्ड ¨लक कंपनी को अनैतिक
जागरण संवाददाता, राउरकेला: रिलायबल हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर व वर्ल्ड ¨लक कंपनी को अनैतिक लाभ पहुंचाने के आरोप में सीबीआइ ने शुक्रवार को राउरकेला इस्पात संयंत्र के डीजीएम (न्यू प्लेट मिल) राजीव रंजन, सेवानिवृत ईडी (मैटेरियल मैनेजमेंट) परमानंद साहु, सेवानिवृत्त डीजीएम (कोकोवेन) पीके दास, रिलायबल हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर के सुरेंद्र दुआ के सिविल टाउनशिप स्थित आवास व कार्यालय तथा वर्ल्ड ¨लक कार्पोरेशन के मालिक श्रीराम अग्रवाल के आवास व कार्यालय में एक साथ छापेमारी की। राजीव रंजन फिलहाल कोलकाता में हैं इसलिए सीबीआइ ने उनके घर के परिसर तक जांच की अंदर प्रवेश नहीं किया।
इसबीच राजीव रंजन के कोलकाता से ट्रेन के जरिए राउरकेला लौटने की सूचना है जिसके बाद ही सीबीआइ उनके घर की जांच करेगी। बाकियों के ठिकानों पर सीबीआइ ने जांच कर साक्ष्य जुटाए। दरअसल यह छापेमारी उस कार्रवाई का दूसरा चरण है जिसके तहत वर्ष 2017 में सीबीआइ ने ईडी वर्क्स बीपी वर्मा के आवास व कार्यालय पर छापेमारी कर नोटबंदी के दौर में 21 लाख रुपये बरामद किए थे। इस मामले में सीबीआइ ने बीपी वर्मा को गिरफ्तार किया था। इन दो कंपनियों के अलावा एक कोलकाता की कंपनी को लाभ पहुंचाने के मामले में उस वक्त सीबीआइ ने कार्रवाई की थी। :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: जांच में कई अधिकारियों की संलिप्तता सामने आयी: सीबीआइ ने जब परत दर परत जांच शुरु की तो कई राज सामने आये। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार अकेले बीपी वर्मा नहीं बल्कि राउरकेला इस्पात संयंत्र के कई और अधिकारी भी इसमें शामिल थे। इनमें से कुछ अभी नौकरी कर रहे हैं जबकि कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जांच में इनकी भूमिका मिलने के बाद सीबीआइ ने इन सभी को रडार में लेकर साक्ष्य जुटाना शुरु किया था। जिसके बाद एक साथ यह छापेमारी की गयी।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: सीबीआइ की छापेमारी के बावजूद मिला रिलायबल हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर को काम: हैरतअंगेज रूप से 2017 में इडी वर्क्स बीपी वर्मा के खिलाफ सीबीआइ की कार्रवाई के बावजूद रिलायबल हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर को राउरकेला इस्पात संयंत्र में काम का एक नया ठेका मिला। जिसके बाद सीबीआइ ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया था। खास कर सीबीआइ की छापेमारी व कार्रवाई के दौरान यह काम मिलने के बाद सीबीआइ के कान खड़े हो गए थे।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: बीपी वर्मा की गिरफ्तारी के बाद जमानत कराने गए थे राजीवरंजन: इडी बीपी वर्मा की गिरफ्तारी के बाद डीजीएम राजीवरंजन उनका बेल कराने भुवनेश्वर गए थे। साथ में एक सेवानिवृत्त अधिकारी भी थे। इडी वर्मा के सीबीआइ के चंगुल में फंसने के बाद डीजीएम पीके दास ने आरएसपी से स्वेच्छा सेवानिवृत्ति ले ली थी। इस सेवानिवृत्ति को भी सीबीआइ मामले से जोड़कर देख रही है।
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