बोइत बंदान पर नौका विसर्जन आज
ओडिशा के समृद्ध वाणिज्य तथा परंपरा का परिचायक बोइत बंदान उत्सव शहर के विभिन्न संगठनों एवं संस्थाओं की ओर से धूमधाम से मनाया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर विभिन्न घाटों में पहुंचकर पूजा अर्चना करने के साथ ही नौका विसर्जन का रस्म पूरा किया जायेगा। इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की गयी हैं। सोमवार की शाम को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : ओडिशा के समृद्ध वाणिज्य तथा परंपरा का परिचायक बोइत बंदान उत्सव शहर के विभिन्न संगठनों एवं संस्थाओं की ओर से धूमधाम से मनाया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर विभिन्न घाटों में पहुंचकर पूजा अर्चना करने के साथ ही नौका विसर्जन की रस्म पूरी की जाएगी। इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की गई हैं। सोमवार की शाम को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
ओडिशा से जावा, सुमात्रा एवं बाली द्वीप के बीच व्यापारिक संबंध सदियों पुराना है। ओडिशा के साधव पुत्र सुपाड़ी, मसाला एवं अन्य सामान लेकर नाव से इन द्वीपों के लिए रवाना होते थे एवं रत्न मुद्रा लेकर उनकी वापसी होती थी। परिवार के लोग समुद्र तट पर पहुंचकर उनकी यात्रा मंगलमय होने के लिए पूजा अर्चना कर उन्हें विदा करते थे। आज भी उस परंपरा को बचाकर रखा गया है।
तटवर्ती ओडिशा के प्रवासी इस्पात नगरी राउरकेला में भी इसे उत्सव के रूप में मना रहे हैं। उत्कल सांस्कृतिक परिषद की ओर से सेक्टर-2 पूजा मैदान में समारोह का आयोजन किया गया है। रात भर यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद सुबह नौका विसर्जन किया जायेगा। इसी तरह छेंड कॉलोनी में कलिग विहार सांस्कृतिक परिषद की ओर से भी बोइत बंदान उत्सव पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। फर्टिलाइजर में बोइत बंदान मैदान में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह वेदव्यास त्रिवेणी संगम, बालू घाट, ब्राह्माणी नदी घाट जलदा, सेक्टर-16 डोंगा घाट, झीरपानी आदित्य घाट, छेंड कॉलोनी घाट, पानपोष घाट में विभिन्न संगठनों की ओर से तैयारियां की गयी हैं। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। सोमवार को बाजार में विभिन्न प्रकार के नौका की जमकर बिक्री हुई। जगह जगह इसकी दुकानें देखी गयी।