हम विकास में आगे, प्रचार में पीछे: भाजपा
भाजपा ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम राउरकेला के विकास के लिए कटिबद्ध हैं।
जागरण संवाददाता, राउरकेला। पानपोष जिला भाजपा सांगठनिक जिला कमेटी को इस बात का मलाल है कि वे शहर के विकास के मामले में आगे होने के बाद भी प्रचार के क्षेत्र में पिछड़ गए हैं। भाजपा ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम राउरकेला के विकास के लिए कटिबद्ध हैं। विकास परियोजनाओं के लिए करोड़ों का अनुदान मिला है। काम भी हो रहा है। लेकिन कुछ विकास परियोजनाओं में राज्य सरकार असहयोग कर रही हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि विकास का श्रेय भाजपा को न मिल जाय। अब भाजपा ने केंद्र की विकास योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्णय लिया है। बुधवार को सेक्टर-3 भाजपा कार्यालय में पार्टी जिलाध्यक्ष जगबंधु बेहरा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य निहार राय, वरिष्ठ नेता किशुन साहु, प्रवक्ता भगवान राउत, पूíणमा केरकेट्टा, गंगाधर दाश की उपस्थिति में केंद्र की उपलब्धियां बताते हुए राज्य सरकार की नाकामियां गिनाई गई।
पार्टी ने बताई अपनी उपलब्धि : स्मार्ट सिटी की स्थापना, ब्राह्माणी नदी पर दूसरे ब्रिज का काम शुरू होना, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का काम शुरू होना, पासपोर्ट कार्यालय की स्थापना, पेयजल के लिए अमृत योजना, हैं¨गग ब्रिज के लिए 11 करोड़ का अनुदान, शहीद पीठ आमको-सिमको के विकास के लिए चार करोड़ का अनुदान, जिले के प्रत्येक पंचायत में कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए अनुदान, शहर में तीन फ्लाई ओवर की स्थापना, विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थानों के लिए अनुदान, आदिवासियों के ट्राईबल कल्चरल कांफ्रेंस हॉल के लिए दस करोड़ रुपये का अनुदान।
गिनाई बीजद सरकार की नाकामियां दस साल पूर्व कुआरमुंडा में मेडिकल कॉलेज के लिए शिलान्यास होने के बाद भी कुछ काम न होना, आरएमसी मार्केट यार्ड बनाने का काम शिलान्यास तक ही सीमित रहना, चार साल बाद भी कोयल बैराज का काम शुरू न होना, दस रुपये में चिकित्सा सुविधा के नाम पर हाईटेक मेडिकल का लाभ आम जनता को न मिलना, राउरकेला सरकारी अस्पताल में मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल पूरी तरह से कार्यकारी न होना, केंद्र सरकार से अनुदान बाद जमीन अधिग्रहण न होने से 50 वर्ष बाद भी विमलागढ़-तालचेर रेलपथ का काम पूरा न होना, महानगर निगम बनने के चार साल बाद भी चुनाव न होना, मिनरल डेवलपमेंट फंड में पड़े करोड़ों रुपयों के विनियोग असफल होना, ब्राह्माणी नदी के तट पर ¨रगरोड बनाने का काम चार वर्ष के बाद भी शुरू न होना, आरडीए की ओर से 20 हजार मकान बनाने में असफल होना, ईएसआइ मेडिकल कॉलेज तथा जेवियर्स इंस्टीट्यूट को साजिश के तहत यहां से अन्यत्र स्थानांतरित करना।