बीजद के अपने घर से शुरू हुई मुखालफत
सत्ताधारी बीजद के युवा नेता प्रकाश पासवान व बीजद की टिकट पर
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सत्ताधारी बीजद के युवा नेता प्रकाश पासवान व बीजद की टिकट पर 2014 में राजगांगपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़नेवाले बेंडिक्ट तिर्की ने विकास के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विकास के कोरे वादों के खिलाफ अब बीजद के अंदर से ही विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं। शनिवार का होटल एमएन इंटरनेशनल में मीडिया से बात करते हुए प्रकाश ने कहा कि जिस तरह से सुंदरगढ़ जिले व राउरकेला को नजरअंदाज किया जाता है उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
नुआगांव-कुआरमुंडा आदिवासी संयुक्त मंच के बैनर तले आधा दर्जन से अधिक आदिवासी प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए और सरकार के प्रति नाराजगी जताई। सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर कोयल बैराज के नाम पर भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया। साथ ही मुख्यमंत्री के राउरकेला दौरे पर उनका विरोध करने का निर्णय लिया है। 2013 में मुख्यमंत्री ने कोयल नदी पर बेराज व पुल की घोषणा की थी। यह पहले हमीरपुर में होना था लेकिन महंगी जमीन के कारण इस बैकुंठघाट शिफ्ट कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने परियोजना का शिलान्यास भी किया लेकिन अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हो पाया है। जिससे साफ है कि आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के विकास के प्रति सूबे की सरकार गंभीर नहीं है। इस पुल के बनने से सर्वाधिक लाभान्वित आदिवासी समाज के लोग ही होते। लेकिन अब तक यह नहीं हो पाया है। अन्य में आदिवासी डेवलपमंट ट्रस्ट की अध्यक्ष गीतांजलि टोप्पो, आदिवासी नेता बेबी तिग्गा, इंटर कालेज एससी-एसटी यूनियन के सलाहकार जार्ज केरकेट्टा, पूर्व वार्ड सदस्य ज्योति फार्मिना डांग, एससीएसटी यूथ समिति के महासचिव रजनीश ¨सह, कल्याणी पूर्ति आदि मंचासीन थे।
बांस से बना पुल आवागामन का है जरिया: बेंडिक्ट ने आगे कहा कि स्मार्ट सिटी राउरकेला में आने के लिए यहां के ग्रामीणों को बांस का पुल पारकर आना होता है। अंदाजा लगाइए कि लोग कैसे यहां रह रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य व बाजार के लिए जब भी लोगों का यहां से आना होता है तो बांस का पुल करना पड़ता है। यह ठोस विकल्प भी नहीं है। बांस का होने के कारण यह पुल किसी भी वक्त टूट सकता है। चूंकि लोगों का आना जाना लगातार होता है तो इस पुल पर काफी दबाव है।