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पश्चिम ओडिशा में उधार के नेतृत्व के भरोसे बीजद

पश्चिम ओडिशा में जिस प्रकार बीजद की ओर से दूसरे दलों के ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 11:03 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 11:03 PM (IST)
पश्चिम ओडिशा में उधार के नेतृत्व के भरोसे बीजद

जागरण संवाददाता, राउरकेला: पश्चिम ओडिशा में जिस प्रकार बीजद की ओर से दूसरे दलों के विधायकों समेत कद्दावर नेताओं को बीजद में जिस प्रकार से आयातित करना शुरू कर दिया गया है, उससे यह आभास होने लगा है कि इस अंचल में बीजद उधार के नेतृत्व पर चल रहा है। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि दूसरे दलों के नेताओं की बीजद में शामिल होने तक तो ठीक है, ऐन चुनाव के बाद पार्टी टिकट की उम्मीद में सक्रिय भूमिका निभा रहे बीजद के पुराने नेताओं को टिकट नहीं मिला तो बीजद में घमासान तय है।

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वैसे देखा जाये तो पश्चिम ओडिशा में दूसरे दलों के नेताओं को बीजद में शामिल कर विधानसभा चुनाव में टिकट देने की परंपरा राउरकेला से शुरू हुई थी। राउरकेला में कांग्रेस से अपनी राजनीति शुरू करने वाले राउरकेला के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री तथा वर्तमान राउरकेला विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शारदा प्रसाद नायक से शुरू हुई थी। सन 2000 में कांग्रेस से उन्हें राउरकेला विधानसभा में कांग्रेस का टिकट न मिलने से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर अपने दमखम का परिचय दिया था। इस दौरान उन्हें कांग्रेस में निलंबित करने के बाद पुन: निलंबन वापस ले लिया गया था। जिससे 2004 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस से टिकट लेने के लिये उन्होने काफी जद्दोजहद की थी। लेकिन टिकट न मिलने से उन्होंने बीजद का दामन थाम लिया था, बीजद से टिकट मिलने के बाद वे लगातार दो बार विधायक निर्वाचित हुये, जिसमें दूसरी बार विधायक बनने के बाद वे राज्य में मंत्री भी बने थे। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी दिलीप राय से हार का सामना करना पड़ा था। उसी प्रकार बरगढ़ के बिजेपुर से कांग्रेसी विधायक सुबल साहु के निधन के बाद उपचुनाव के लिए बीजद के किसी नेता को टिकट मिलने के बजाय दिवंगत सुबल साहु की पत्नी रीता साहु को टिकट मिला तथा उनकी जीत भी हुई।

अब नवदास की राह पर योगेश

अब झारसुगुड़ा विधायक नवदास बीजद में जाने की औपचारिक घोषणा करने के बाद अब कांग्रेस के निलंबित सुंदरगढ़ सदर विधायक योगेश ¨सह भी उनकी राह पर अग्रसर होने वाले है। लेकिन यह तो आनेवाला समय ही बताएगा कि उनका राजनीतिक हश्र क्या होगा।

अनूप साय का भी नाम प्रमुख

इससे पूर्व ब्रजराजनगर के पूर्व विधायक अनूप साय ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजद के टिकट से गत 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस विधायक भू¨पदर ¨सह को भी बीजद में शामिल किया गया है।


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