इस्पात नगरी से जुड़ी हैं अटल जी की सुनहरी यादें
शुभ पटनायक की पीठ थपथपा कर कहा था कि आगे बढ़ोगे, किशुन साहु ने अपनी यादों को किया ताजा, बोले- अटलजी के काफीले में की थी पायलटिंग।
राउरकेला, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उनसे जुड़ी कुछ सुनहरी यादें आज भी शहर के तमाम लोगों के दिलो दिमाग पर ताजा हैं। भाजपा के वयोवृद्ध नेता किशुन प्रसाद साहु ने अटलजी से जुड़ी अपनी यादोें को दैनिक जागरण के साथ साझा करते हुए बताया कि अटलजी तीन बार राउरकेला के दौरे पर आ चुके हैं। उनके पहले दौरे के समय वह खुली जीप पर सवार थे और उनके काफिले के आगे मैं अपने साथियों के साथ अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर सवाल होकर पायलटिंग कर रहा था।
उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी सर्वप्रथम वर्ष 1981 में राउरकेला दौरे पर आए थे। उस दौरान वे वेदव्यास में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने आए थे। उस समय राउरकेला एयरोड्रम पर अटलजी के पहुंचने के बाद साहु ने अपनी बुलेट से उनके काफिले की पायलटिंग कर वेदव्यास में निर्धारित कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया था। तब अटलजी खुली जीप में सवार थे। इसके बाद उनका राउरकेला दौरा वर्ष 1985 में भी तय हुआ था। उन्हें राउरकेला विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले भाजपा प्रत्याशी अनवर अहमद के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करना था।
लेकिन मौसम खराब होने की वजह से वे राउरकेला एयरोड्रम में उतर नहीं सके और सीधे रांची चले गए थे। इसके एक साल बाद वाजपेयी वर्ष 1986 में राउरकेला पहुंचने के बाद बिरसा मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया था। जिसके बाद केंद्र में 13 महीनों की सरकार में प्रधानमंत्री रहने के दौरान वर्ष 1998 में सेक्टर-19 के नेहरू मैदान (वर्तमान इस्पात नेहरू पार्क) में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इस सभा में वाजपेयी का भाषण बनने के लिए करीब बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी।
जब वाजपेयी ने थपथपाई शुभ पटनायक की पीठ
राउरकेला चैंबर के अध्यक्ष शुभ पटनायक की यादें भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी हुई हैं। वर्ष 1981 में वेदव्यास में हुई भाजपा की कार्यकारिणी बैठक में उनके बारे में शुभ पटनायक ने अपनी युवावस्था में माइक से संबोधित किया था। उनकी शैली से वाजपेयीजी काफी प्रभावित हुए थे तथा उनकी पीठ भी थपथपाई थी। शुभ जब पहली बार चैंबर अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली गए थे तो उन्होंने वाजपेयीजी से मिलकर उन्हें यह बात बताई थी। तब अटलजी ने मुस्कुरा कर उनका हौसला बढ़ाया था।
आप लोग भाजपा कार्यकर्ता हो या पंडे
वेदव्यास में राज्य कार्यकारिणी बैठक में शामिल होने के दौरान भाजपा नेता किशुन साहु व अन्य नेतागण वाजपेयी जी को वेदव्यास की गुफा दिखाने ले गए थे। वेदव्यास मंदिर में ऊपर चढ़ने के लिए वे इच्छुक नहीं थे। जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें आग्रह किया तो वे मजाक में बोले थे कि आप लोग भाजपा कार्यकर्ता हो या पंडे, जो मुझे पूरा मंदिर दिखाना चाहते हो।
अटल बिहारी वाजपेयी का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। राउरकेला में इस्पात संयंत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। 8500 करोड़ के ऋण भार को माफ करने के लिए इस्पात मंत्री के रूप में प्रस्ताव रखा था। तुरंत इसे मंजूरी देकर संयंत्र को दिवालिया होने से बचा लिया। इसके लिए राउरकेलावासी उनके चिरऋणी रहेंगे।
- दिलीप राय, विधायक व पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री।
वह एक गरिमामय शख्सियत थे जो गलत होने पर अपनी ही पार्टी के लोगों को भी कठघरे में खड़ा किया करते थे। गठबंधन धर्म को कैसे निभाया जाता है यह सीख भारतीय लोकतंत्र को उन्होंने दी। उनसे सीखकर कोई भी इस देश में अच्छी राजनीति कर सकता है। वाजपेयी जैसे नेता न कभी हुए न होंगे। उनकी चरणों में मेरा कोटि कोटि नमन।
- जार्ज तिर्की, विधायक, बीरमित्रपुर
वाजपेयी जी अपने व्यक्तित्व की वजह से न केवल भाजपा बल्कि देश के सर्वमान्य नेता माने गए। यह उनके करिश्माई व्यक्तित्व का ही असर था कि आज उनके निधन पर पूरा देश शोक में डूबा है। ऐसे नेता बिरले ही पैदा होते हैं जिनकी स्वीकार्यता राजनीति से ऊपर सभी में है।
- निहार राय, पूर्व नगरपाल, राउरकेला।
देश ने आज राजनीति के कोहिनूर को खो दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी ने राजग सरकार के कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी भाषा में भाषण देकर विश्व को चकित कर दिया था। इसके लिए देश आज ऋणी
है। देशवासियों की सेवा हमेशा जन जीवन में कायम होगा।
- रमेश बल, पूर्व नगरपाल, राउरकेला
अटल जी देश के नेता थे किसी एक पार्टी से उनका जुड़ाव भले ही रहा हो पर पूरे देश को उन पर भरोसा था। अटल जी का निधन पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई संभव नहीं है।
-रवि राय, जिला कांग्रेस अध्यक्ष।