हर कौम को एक होने की जरूरत : नदवी
आल इंडिया उलमा बोर्ड का कौमी एकता सम्मेलन बुधवार की शाम आनंद भवन लेन में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में वक्ताओं ने देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता देश की एकता व अखंडता समेत शिक्षा स्वास्थ्य व समाजसेवा के क्षेत्र में बोर्ड की भूमिका पर अपना ओजस्वी वक्तव्य रखा। यह सम्मेलन आल इंडिया उलमा बोर्ड के राष्ट्रीय संगठन सचिव वारिश अली की ओर ेसे आयोजित किया गया था।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: आनंद भवन लेन में आयोजित आल इंडिया उलमा बोर्ड के कौमी एकता सम्मेलन में बुधवार की शाम वक्ताओं ने देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता, देश की एकता व अखंडता समेत शिक्षा, स्वास्थ्य व समाजसेवा के क्षेत्र में बोर्ड की भूमिका पर अपना वक्तव्य रखा। यह सम्मेलन आल इंडिया उलमा बोर्ड के राष्ट्रीय संगठन सचिव वारिश अली की ओर से आयोजित किया गया था।
सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, कोलकाता के अध्यक्ष मौलाना अरशर नदवी ने कहा कि वर्तमान देश में जिस प्रकार की राजनीति चल रही है, उस राजनीति को दर किनार करने के लिए हर कौम को एक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे युवा नशा से हटकर इल्म का नशा करें तथा कलम की ताकत हासिल कर देश व समाज के लिये काम करें। उन्होंने मॉब लिचिग पर दुख जताते हुए कहा कि यह केवल मुस्लिमों के साथ ही नहीं हो रहा, बल्कि गैर मुस्लिमों के साथ भी हो रहा है। इसकी रोकथाम करने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
मठ कुरुक्षेत्र के महंत सुखदेव महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में देश में जिस प्रकार हिन्दू-मुस्लिम में भेदभाव किया जा रहा है, वह गलत है। गीता व कुरान में भी लिखा है कि हम सब इंसान हैं। कोई भी धर्म दूसरे धर्म की बुराई करना नहीं सिखाता। उन्होंने बोर्ड के इस कौमी एकता सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि अगली बार वे इस सम्मेलन में गुरुकुल के बच्चों को भी शामिल कराएंगे। आल इंडिया इमाम आगेर्नाइजेशन के मुफ्ती ताहिर हुसैन ने कहा कि देश में ऐसे हालात के जिम्मेदार हम स्वयं हैं, क्योंकि हम सभी दूसरों की कमी निकालने में लगे हैं। जबकि इस वक्त शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना नियाज अहमद कासमी ने कहा कि देश में बोर्ड की जितनी भी शाखाएं हैं। वे सभी ओडिशा में भी काम करना चाहती हैं। जिसमें महिला सशक्तीकरण, शिक्षा व स्वास्थ्य, प्रशिक्षण समेत अन्य क्षेत्रों में भी काम किया जाएगा। जिससे जो भी इस बारे में बोर्ड की मदद चाहता है, वे संपर्क कर सकता है।
जेएनयू के छात्र नेता साइदुर रहमान अंसारी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम दलित समाज के बच्चे काफी पीछे है। वे व्यापार के चक्कर में शिक्षा के प्रति ध्यान नहीं देते। जिन्हें शिक्षा की जरूरत है, वे उन सभी के साथ है। इसके समेत उन्होंने जेएनयू में छात्र नेताओं की आपसी लड़ाई को भी खेदजनक बताया। इस सम्मेलन में अन्य अतिथियों में बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बुनेई हासमी, बोर्ड के वक्फ अध्यक्ष शेख गुलाम रब्बानी मंचासीन थे। मंच संचालन बोर्ड के ओडिशा अध्यक्ष सह बोर्ड के युवा नेता (दिल्ली) रजा अहमद ने कार्यक्रम का संचालन किया।